Advertisement

जब आम आदमी बनकर अस्पताल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया, गार्ड ने मारा डंडा; जानें- फिर स्टाफ के साथ क्या हुआ

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया कुछ दिनों पहले आम नागरिक बनकर सफदरगंज अस्पताल का औचक...
जब आम आदमी बनकर अस्पताल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया, गार्ड ने मारा डंडा; जानें- फिर स्टाफ के साथ क्या हुआ

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया कुछ दिनों पहले आम नागरिक बनकर सफदरगंज अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्हें बेंच पर बैठने पर एक गार्ड ने डंडा मार दिया।मांडविया ने सफदरगंज अस्पताल में चार स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के उद्धाटन समारोह में इस पूरे वाक्या का खुलासा किया, जिसे सुनकर सब हैरान रह गए। मांडविया यहां नए आक्सीजन प्लांट और कोरोना के इलाज के लिए बनाया गया अस्थायी हॉस्पिटल सहित चार सुविधाओं का शुभारंभ करने पहुंचे थे।

मांडविया ने यहां बताया कि इस औचक निरीक्षण में उन्हें अस्पताल में अव्यवस्था भी देखने को मिली। इस दौरान हॉस्पिटल में लगभग 75 साल की एक बुजुर्ग महिला को उसके बेटे के लिए स्ट्रेचर की जरूरत थी, लेकिन महिला को स्ट्रेचर दिलाने व स्ट्रेचर ले जाने में सुरक्षा गार्डों ने कोई मदद नहीं की।

मांडविया ने आगे बताया कि हॉस्पिटल में व्यवस्था ऐसी बनाई जानी चाहिए कि मरीजों को कोई भी परेशानी न हो। अगर हॉस्पिटल में 1500 गार्ड हैं तो ये स्ट्रेचर ले जाने में बुजुर्ग महिला की मदद क्यों नहीं कर सकते। उन्होंने निर्देश दिए कि इमरजेंसी ब्लाक में पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा गार्ड तैनात किए जाने चाहिए।

उन्होंने बताया कि उन्होंने इस पूरी घटना की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी थी। तो उन्होंने पूछा कि क्या जिस गार्ड ने डंडा मारा, उसे उन्होंने निलंबित कर दिया? तो स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नहीं, क्योंकि वह केवल एक व्यक्ति को नहीं बल्कि पूरी व्यवस्था को बेहतर बनाना चाहते हैं।

वहीं, केंद्र स्वास्थ्य मंत्री ने कोविड के इलाज में डॉक्टरों की ओर से किए गए कार्यों की तारीफ करते हुए कहा कि सभी डॉक्टरों को टीम वर्क के तौर पर कार्य करना चाहिए।

 

Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad