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कौन है अब्दुल रऊफ मर्चेंट, जिसने 24 साल पहले बॉलीवुड को दिया था हिला, सामने आया था अंडरवर्ल्ड कनेक्शन

टी-सीरीज के संस्थापक गुलशन कुमार की हत्या के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने दोषी दाऊद इब्राहिम के...
कौन है अब्दुल रऊफ मर्चेंट, जिसने 24 साल पहले बॉलीवुड को दिया था हिला, सामने आया था अंडरवर्ल्ड कनेक्शन

टी-सीरीज के संस्थापक गुलशन कुमार की हत्या के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने दोषी दाऊद इब्राहिम के सहयोगी अब्दुल रऊफ उर्फ दाऊद मर्चेंट की सजा को बरकरार रखा है। जस्टिस जाधव और बोरकर की बेंच ने इस केस का फैसला सुनाया। मर्चेंट को गुलशन कुमार हत्या के केस में दोषी ठहराया था, अब अदालत ने उसकी सजा को बरकरार रखा है।


गौरतलब है कि मर्चेंट को 1997 में गुलशन कुमार की हत्या के मामले में दोषी करार दिया गया था। वह पैरोल पर रिहा होने के बाद फरार हो गया था। उसे मई 2009 में बंगलादेश पुलिस ने अवैध रूप से देश में घुसने और रहने के जुर्म में गिरफ्तार किया था। उसे 2014 में रिहा कर दिया गया लेकिन इस्लामी चरमपंथियों से संबंध के संदेह में फौरन दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं 2016 में उसे भारत के हवाले कर दिया गया।

बता दें कि दिल्ली की पंजाबी परिवार में जन्मे गुलशन कुमार छोटी उम्र से ही बड़े सपने देखते थे। गुलशन ने जूस की दुकान लगाकर पैसे कमाना शुरू किया था। गुलशन को बचपन से ही म्यूजिक का शौक था, इसलिए वे ओरिजनल गानों को खुद की आवाज में रिकॉर्ड करके उन्हें कम दाम में बेचते थे। गुलशन को जब दिल्ली में तरक्की की संभावना नहीं दिखी तब उन्होंने मुंबई जाने का फैसला लिया।


मुंबई में जब गुलशन सफल होने लगे तो 12 अगस्त 1997 का दिन उनकी जिंदगी का अंतिम दिन साबित हुआ। सूत्रों के मुताबिक गुलशन की हत्या करने के लिए शार्प शूटर्स लाए गए थे। 12 अगस्त को मुंबई के अंधेरी पश्चिम उपनगर जीत नगर में जीतेश्वर महादेव मंदिर के बाहर गुलशन पर बदमाशों ने ताबतोड़ गोलियां चलाईं।

इस हत्या के पीछे अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का नाम सामने आया। वहीं हत्या के आरोप में दाऊद गैंग के अब्दुल रऊफ को गिरफ्तार किया गया, हालांकि तब उनकी हत्या के लिए संगीत निर्देशक नदीम को भी जिम्मेदार माना जा रहा था। साल 2001 में रऊफ ने अपना अपराध कबूल लिया और अप्रैल 2002 में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। इस बीच रऊफ जेल से फरार हो गया और वह बांग्लादेश भाग गया।

बता दें कि रऊफ बीमार मां से मिलने के लिए पैरोल पर बाहर आया था, मगर 2009 में वह देश छोड़कर भाग निकला। रऊफ बांग्लादेश में फर्जी पासपोर्ट का बिजनेस करने लगा मगर पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया। 2016 में रउफ को भारत के हवाले कर दिया गया। अब हाईकोर्ट ने साफ कहा है कि अब्दुल रऊफ किसी तरह की उदारता का हकदार नहीं है क्योंकि वह पहले भी पैरोल के बहाने बांग्लादेश भाग गया था। उसे अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई।



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