चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वोट चोरी के 'बेतुके आरोपों' को निंदनीय करार देते हुए कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग और उसके कर्मचारियों को धमकाना भी शुरू कर दिया है।
चुनाव आयोग के खिलाफ अपना अभियान जारी रखते हुए गांधी ने दावा किया कि उनके पास चुनाव प्राधिकरण द्वारा कथित अनियमितताओं के "खुले और स्पष्ट" सबूत हैं और कहा कि उन्हें छिपाने के लिए कोई जगह नहीं होगी।
गांधी की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए चुनाव आयोग ने कहा, "चुनाव आयोग रोजाना लगाए जा रहे ऐसे निराधार आरोपों को नजरअंदाज करता है और रोजाना दी जा रही धमकियों के बावजूद सभी चुनाव अधिकारियों से ऐसे गैरजिम्मेदाराना बयानों को नजरअंदाज करने और निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से काम करने को कहता है।"
लोकसभा में विपक्ष के नेता गांधी ने कथित चुनावी अनियमितताओं पर अपनी पार्टी के पास मौजूद सबूतों की तुलना "परमाणु बम" से की और कहा कि जब यह फटेगा तो चुनाव आयोग के पास देश में छिपने की कोई जगह नहीं होगी।
गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी को 2023 में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों, उसके बाद लोकसभा चुनावों और उसके बाद महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में चुनावी अनियमितताओं का संदेह है।
चुनाव आयोग ने आगे कहा कि उसने 12 जून को भेजे गए एक मेल में गांधी को उनके पिछले आरोपों के संबंध में आमंत्रित किया था, लेकिन वह अभी तक इसमें शामिल नहीं हुए हैं।
चुनाव आयोग ने कहा कि उन्होंने कभी भी किसी मुद्दे पर चुनाव आयोग को कोई पत्र नहीं भेजा। इसमें कहा गया, "यह बहुत अजीब है कि वह बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं और अब तो उन्होंने चुनाव आयोग और उसके कर्मचारियों को धमकाना भी शुरू कर दिया है। यह निंदनीय है।"
चुनाव आयोग ने कहा कि वह ऐसे सभी "गैरजिम्मेदाराना" बयानों को नजरअंदाज करता है और अपने सभी कर्मचारियों से निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से काम करते रहने का अनुरोध करता है।