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जानिए, कौन हैं एके पटनायक, जो सीजेआई के खिलाफ ‘साजिश’ की करेंगे जांच

सीजेआई रंजन गोगोई मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सेवानिवृत्त जस्टिस एके पटनायक को उत्सव बैंस के आरोपों की...
जानिए, कौन हैं एके पटनायक, जो सीजेआई के खिलाफ ‘साजिश’ की करेंगे जांच

सीजेआई रंजन गोगोई मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सेवानिवृत्त जस्टिस एके पटनायक को उत्सव बैंस के आरोपों की जांच के लिए जांच प्रमुख नियुक्त किया है। वकील उत्सव बैंस ने दावा किया था कि सीजेआई रंजन गोगोई को यौन उत्पीड़न मामले में फंसाने की साजिश है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई निदेशक और आईबी चीफ को जस्टिस एके पटनायक के साथ सहयोग करने के लिए भी कहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीजेआई रंजन गोगोई पर लगाए आरोप इस जांच की परिधि से बाहर होंगे। केवल साजिश की जांच होगी। कई बड़े मामलों में जांच प्रमुख रह चुके जस्टिस पटनायक सीलबंद लिफाफे में जांच रिपोर्ट अदालत को सौंपेंगे।

बता दें कि 69 वर्षीय अनंग कुमार पटनायक सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज हैं। पटनायक 2009 से लेकर 2014 तक सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके हैं। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस भी रह चुके हैं। 17 नवंबर, 2009 से 2 जून, 2014 तक सुप्रीम कोर्ट के जज बने रहने के बाद एके पटनायक के सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की ओर से सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेज कमिटी के चेयरमैन पद के लिए नॉमिनेट किया गया था।

20 साल वकालत करने के बाद बने जज

उड़ीसा के प्रतिष्ठित व्यापारी गोपाल चंद्र पटनायक के घर 3 जून 1949 को अनंग कुमार पटनायक का जन्म हुआ था। राजकुमार कॉलेज, रायपुर से उन्होंने शिक्षा प्राप्त की। उन्हें विद्यालय में ‘बेस्ट आल राउंड कंडक्ट एंड लीडरशिप’ का अवार्ड’ से सम्मानित किया गया था। दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में ऑनर्स और कटक के मधुसूदन लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री प्राप्त की थी। पटनायक साल 1974 में डिशा बार एसोसिशन के सदस्य बने थे। उन्होंने ओड़िसा हाई कोर्ट और निचली अदालत में लॉ प्रैक्टिस किया। लगभग 20 साल वकालत करने के बाद 1994 में वो ओडिशा हाई कोर्ट के अतिरिक्त सेशन जज नियुक्त हुए थे।

पटनायक से संबधित अहम मामले-

-सीबीआई डायरेक्टर रहे आलोक वर्मा मामले में एके पटनायक को हाल ही में जांच प्रमुख नियुक्त किया गया था।

-पटनायक को 2012 में 2जी स्पेक्ट्रम मामले में आने वाले मामलों की सुनवाई करने के लिए बनाई गई दो जजों की बेंच में शामिल किया गया था।

-पटनायक उस 'इन-हाउस कमिटी' के सदस्य थे, जिसने कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस सौमित्र सेन पर लगे फंड के गलत उपयोग के आरोपों की जांच की थी। इस जांच के बाद भारत में ऐसा पहली बार किसी जज के खिलाफ महाभियोग चलाया गया था।

-जस्टिस एके ने कॉलेजियम सिस्टम पर सवाल उठाए थे। 2016 में उन्होंने कहा था कि कॉलेजियम सिस्टम के कारण जजों की गुणवत्ता खतरे में आ जाती है।

-जस्टिस पटनायक आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले की सुनवाई करने वाली बेंच का हिस्सा थे।

-पटनायक सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक मामले में दोषी करार सांसदों और विधायकों पर छह साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला सुनाने वाली पीठ का हिस्सा थे।

 

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