विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंगलवार को कोरोनो वायरस से निपटने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदम और प्रतिबद्धता की प्रशंसा की है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के साथ बैठक के बाद बातचीत में भारत के डब्ल्यूएचओ प्रतिनिधि हेंक बेकेडम ने कहा कि भारत में एसएआरएस-सीओवी-2 को अलग करने के लिए उच्च चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के पास रिसर्च करने की क्षमता है।
'रिसर्च कम्युनिटी में रहेगा शामिल’
हेंक बेकेडम ने कहा, “मुझे लगता है कि भारत सरकार के शीर्ष स्तर द्वारा प्रतिबद्धता और प्रधान मंत्री का कार्यालय द्वारा उठाए गए कदम बहुत प्रभावशाली रहे है। यहीं कारण है कि भारत इस वायरस से निपटने को लेकर बहुत अच्छा कर रहा है। उन्होंने आगे कहा, "भारत में और विशेषकर आईसीएमआर और स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के पास बहुत अच्छी रिसर्च करने की क्षमता है। ये संस्थान इस वायरस को आइसोलेट करने और समझने में सक्षम हैं और रिसर्च कम्युनिटी में भारत शामिल रहेगा।"
अभी देश दूसरे चरण में
इससे पहले इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि अभी देश में इस वायरस का दूसरा चरण है। अभी तीसरा चरण नहीं आया है। इसके कुल चार चरण हैं। तीसरा चरण कम्युनिटी ट्रांसमिशन है। यह उम्मीद है कि यहां ऐसा नहीं होना चाहिए। डॉ. भार्गव ने प्राइवेट लेबोरेटरी संस्थानों से अपील की है कि कोरोना वायरस की जांच मुफ्त में करें।
बता दें, देश में अब तक कुल 137 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। साथ ही इस वायरस की वजह से 3 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, पूरी दुनिया में 7 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 1,27,000 हजार से ज्यादा है।