कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति के चार सदस्यों में से एक भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान ने गुरुवार को कहा कि वह खुद को पैनल से हटा रहे हैं। मान ने एक बयान जारी कर इसकी वजह भी बताई है।
मान ने कहा कि समिति में उन्हें नामित करने के लिए शीर्ष अदालत के शुक्रगुजार हैं लेकिन किसानों के हितों से समझौता नहीं करने के लिए वे किसी भी पद का त्याग कर सकते हैं।
किसान नेता ने कहा, " मैं केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कानूनों पर किसान यूनियनों के साथ बातचीत शुरू करने के लिए मुझे 4 सदस्यीय समिति में नामांकित करने के लिए भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय का आभारी हूं।"
उन्होंने आगे कहा, "एक किसान और खुद यूनियन लीडर के रूप में कृषि संगठनों और आम जनता के बीच प्रचलित भावनाओं और आशंकाओं को देखते हुए, मैं पंजाब या किसानों के हितों से समझौता नहीं करने के लिए किसी भी पद की पेशकश का त्याग करने के लिए तैयार हूं। मैं खुद को समिति से हटा रहा हूं और मैं हमेशा अपने किसानों और पंजाब के साथ खड़ा रहूंगा।"
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि संबंधी कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। कोर्ट ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाते हुए किसानों के मसले को सुलझाने के लिए कमेटी का गठन किया। इस कमेटी में चार नामों की सिफारिश की गई। जिनमें भारतीय किसान यूनियन के भूपेंद्र सिंह मान, अशोक गुलाटी (कृषि विशेषज्ञ), डॉ. प्रमोद कुमार जोशी और अनिल घनवंत शामिल हैं। गौरतलब है कि इन सिफारिशों में प्रदर्शन कर रहे 40 किसान संगठनों में से एक भी संगठन शामिल नहीं है।