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विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिकी सांसदों से मीटिंग की रद्द, दल में शामिल कश्मीर नीति विरोधी सांसद बनीं वजह

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कश्मीर मुद्दे पर अमेरिकी सांसदों के दल के साथ अचानक अपनी मीटिंग...
विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिकी सांसदों से मीटिंग की रद्द, दल में शामिल कश्मीर नीति विरोधी सांसद बनीं वजह

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कश्मीर मुद्दे पर अमेरिकी सांसदों के दल के साथ अचानक अपनी मीटिंग रद्द कर दी। विदेश मंत्री एस जयशंकर इस वक्त भारत-अमरीका 2+2 बातचीत के लिए अमरीका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में हैं। मीटिंग रद्द होने की प्रमुख वजह सांसदों के दल में अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल भी शामिल होना रहा। दरअसल प्रमिला जयपाल ने कश्मीर पर  भारत सरकार द्वारा उठाए कदम की आलोचना की थी।

बैठक रद्द करने की जानकारी देते हुए एस जयशंकर ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि मुझे नहीं लगता कि जम्मू-कश्मीर के हालात पर उनकी रिपोर्ट में सही समझदारी है या जम्मू कश्मीर पर उनकी रिपोर्ट में इस बात की सही जानकारी दी गई है कि भारत सरकार वहां क्या कर रही है। मेरी उनसे मिलने में कोई रुची नहीं है। जयशंकर ने कहा कि मैं उनसे मिलने में दिलचस्पी रखता हूं जो निष्पक्ष हैं और चर्चा करना चाहते हैं ना कि उनसे जो पहले ही अपनी राय बना चुके हैं।


अमेरिकी सांसदों ने प्रमिला जयपाल का नाम हटाने से मना कर दिया

अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने खबर दी है कि यह बैठक तब रद्द की गई जब अमेरिकी सांसदों ने प्रमिला जयपाल का  नाम बैठक में शामिल होने वालों की सूची में से निकालने से भारत की शर्त को इनकार कर दिया। प्रमिला जयपाल जम्मू कश्मीर पर भारत सरकार के रुख की कड़ी आलोचक हैं।

असहमति को लेकर असहिष्णुता बीजेपी की राजनीतिक विफलता : शशि थरूर

इस मामले पर कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर ने भी ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि ये भारत जैसे बड़े लोकतंत्र के लायक बात नहीं है। मुझे यकीन नहीं हो रहा कि एस जयशंकर अपने कूटनीतिक अनुभव के बावजूद किसी आलोचक से बात करने को तैयार नहीं, चाहे वो आपसे सहमत हो न हो, वे किसी से भी बहस करने में सक्षम हैं। असहमति को लेकर असहिष्णुता बीजेपी की राजनीतिक विफलता है।


नागरिकता संशोधन कानून पर भारत सरकार के पक्ष से अवगत कराया

इससे पहले एस जयशंकर ने अमेरिकी संसद के उच्च सदन सेनेट के विदेश मामलों की समिति के सदस्यों से मिलकर नागरिकता संशोधन कानून पर भारत सरकार के पक्ष से अवगत कराया था। इसकी जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने दी थी। उन्होंने यह भी बताया था कि अमेरिकी विदेश मंत्री के साथ हुई जयशंकर की द्वीपक्षीय बैठक में इस पर चर्चा नहीं हुई थी। रवीश कुमार ने कहा था कि सरकार इस कानून पर दुनिया के अन्य देशों को अपने रुख से अवगत करा रही है।


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