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सशक्तिकरण: देश के चार बड़े न्यायालयों में अब महिलाएं मुख्य न्यायाधीश

देश के चार बड़े और प्रमुख न्यायलयों में ऐसा पहली बार हुआ है जब मुख्य न्यायाधीश के पद पर महिलाएं काबिज हुई हैं। देश के चार बड़े हाईकोर्ट में बॉम्बे, मद्रास, कलकत्ता और दिल्ली शामिल हैं। 31 मार्च को इंदिरा बनर्जी के मद्रास हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस बनते ही न्यायिेक सेवा में यह एक नया इतिहास बन गया है।
सशक्तिकरण: देश के चार बड़े न्यायालयों में अब महिलाएं मुख्य न्यायाधीश

मद्रास हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी से पहले 22 अगस्त 2016 को मंजुला चेल्लूर बॉम्बे हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस बनीं। वहीं, निशिता निर्मल म्हात्रे एक दिसंबर 2016 से कलकत्ता हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश हैं। इन तीनों हाईकोर्ट के अलावा दिल्ली हाईकोर्ट की कमान भी एक महिला के हाथ में है। न्यायमूर्ति जी रोहिणी अप्रैल 2014 से दिल्ली हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस हैं।

इन चारों हाई कोर्ट की स्थापना औपनिवेशिक काल के दौरान हुई थी। अगर महिला जजों की संख्या पर नजर डालें तो पुरूषों के मामले में महिला जजों की संख्या कम है। मुख्य न्यायाधीश सहित मद्रास हाई कोर्ट में कुल 6 महिला न्यायाधीश (जज) हैं, जबकि पुरुष जजों की संख्या 53 हैं।

बॉम्बे हाईकोर्ट में सबसे अधिक 11 महिला जज हैं, जबकि 61 पुरूष जज हैं। वहीं, दिल्ली हाईकोर्ट में कुल 9 महिला जज हैं और 35 पुरूष जज हैं। कलकत्ता हाईकोर्ट में पुरूष जजों की संख्या 35 है तो केवल 4 महिला जज हैं। वहीं, अगर देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट की बात की जाए तो यहां मात्र एक महिला जज न्यायमूर्ति आर भानुमति हैं जबकि 27 पुरूष जज हैं।

 

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