स्वरूपानंद सरस्वती ने कल हरिद्वार में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, महाराष्ट्र में शनि शिंगणापुर मंदिर के गर्भगृह मे प्रवेश करने के बाद महिलाओं को विजयी महसूस नहीं करना चाहिए। उन्हें इस संबंध में ढोल आदि पीटना बंद कर देना चाहिए। शनि की पूजा करने से उनकी मुसीबतें बढ़ जाएंगी और उनके खिलाफ बलात्कार जैसे अपराध बढ़ जाएंगे।
महिलाओं के लिए शनि पूजा को अच्छा नहीं बताते हुए, स्वरूपानंद ने कहा कि मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश को लेकर खुशियां मनाने की बजाय उन्हें पुरुषों को नशीले पदार्थों के सेवन से रोकने के लिए कुछ करना चाहिए जिसके कारण वे उनके खिलाफ बलात्कार तथा अन्य अपराध करते हैं। द्वारिका शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद फिलहाल हरिद्वार के एक पखवाड़े के दौरे पर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र के मंदिरों में साई बाबा की पूजा की परंपरा के कारण ही वहां सूखा पड़ गया है।
शंकराचार्य ने कहा, महाराष्ट्र के मंदिरों में साईं बाबा की मूर्ति की स्थापना की गई है और गणेश तथा हनुमान जैसे देवताओं को उनके पैरों में बैठा दिया गया है। जब पूजा न करने लायक लोगों की पूजा मंदिरों में की जा रही है तो सूखे जैसी आपदाएं तो आएंगी ही।