उन्होंने यह भी पूछा कि कारण बताओ नोटिस प्राप्त होने से पहले ही इसका ब्यौरा मीडिया को कैसे मिल गया। यादव ने आरोप लगाया कि इसे पार्टी की अनुशासन समिति ने लीक किया है।
उन्होंने हैरानी जताई कि अध्यक्ष दिनेश वाघेला को शामिल किए बिना राष्ट्रीय अनुशासन समिति ने यह कदम कैसे उठाया। उन्होंने दावा किया कि टेलीफोन पर हुई बाचीत में वाघेला, जो दिल्ली में नहीं हैं, ने उनसे कहा था कि समिति को अभी मामले पर विचार करना है।
यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में कहा, शुक्रवार शाम को मैंने अनुशासन समिति के अध्यक्ष श्री वाघेला से बात की थी। उन्होंने कहा कि वह दिल्ली में नहीं हैं और टीवी खबर को छोड़कर हमें भेजे जाने वाले किसी संभावित कारण बताओ नोटिस के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। अभी तक, उनके पास कुछ नहीं भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि वाघेला ने न्याय के प्राथमिक सिद्धांत के उल्लंघन के मुद्दे को देखने का वायदा किया था। यादव ने कहा कि उन्हें संवेदनशील सूचना मीडिया को देने के मुद्दे पर नोटिस भेजा गया। मजे की बात यह है कि उन्हें नोटिस भेजे जाने की यह सूचना खुद मीडिया से मिली।
उन्होंने कहा, शुक्रवार रात 10 बजे तक मीडिया को सभी चार पत्रों के कंटेंट के बारे में पहले ही जानकारी मिल चुकी थी। क्या समिति के किसी सदस्य को छोड़ कर किसी और ने इसे लीक किया?