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'आपके दिमाग में गंदगी है...', सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर इलाहाबादिया को लताड़ा लेकिन गिरफ्तारी पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को रणवीर इलाहाबादिया को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया। यह...
'आपके दिमाग में गंदगी है...', सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर इलाहाबादिया को लताड़ा लेकिन गिरफ्तारी पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को रणवीर इलाहाबादिया को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया। यह संरक्षण उनके खिलाफ देशभर में दर्ज कई एफआईआर के सिलसिले में दिया गया है। हालांकि, कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाते हुए यह भी कहा कि जो शो में दिया गया उनका बयान गंदगी को दर्शाता हैं और इसने समाज को शर्मिंदा किया है।

हाल ही में 'इंडियाज गॉट लैटेंट' शो में अतिथि भूमिका के दौरान उन्होंने अनुचित टिप्पणियां की थीं। सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें जांच में पूरा सहयोग करने की शर्त पर अंतरिम संरक्षण प्रदान किया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इंडियाज गॉट लैटेंट शो में दिखाए गए एपिसोड के आधार पर उनके खिलाफ कोई और एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने उनसे कहा कि वे अपना पासपोर्ट पुलिस के पास जमा करवा दें और वे कोर्ट की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ सकते।

इससे पहले कोर्ट ने यूट्यूबर और पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया की इंडियाज गॉट लैटेंट शो में अतिथि भूमिका के दौरान की गई टिप्पणियों पर नाराजगी जताई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबादिया का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील से अश्लीलता और फूहड़ता के मापदंडों के बारे में पूछा।

सुप्रीम कोर्ट सोशल मीडिया पर छाए रणवीर इलाहाबादिया की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें उन्होंने कई एफआईआर के खिलाफ याचिका दायर की थी। उन्होंने "इंडियाज गॉट लेटेंट" पर अपनी टिप्पणी के सिलसिले में अपने खिलाफ दर्ज कई एफआईआर को एक साथ करने की मांग की थी।

महाराष्ट्र पुलिस की साइबर सेल ने रणवीर अल्लाहबादिया को 24 फरवरी को जांच में शामिल होने के लिए कहा है। साइबर सेल अल्लाहबादिया और अन्य लोगों की जांच कर रही है, क्योंकि उन्होंने 'इंडियाज गॉट लैटेंट' शो में अपनी आपत्तिजनक टिप्पणी से हंगामा खड़ा कर दिया था।

इससे पहले, मुंबई और गुवाहाटी पुलिस ने एक संयुक्त बयान में कहा था कि यूट्यूबर और पॉडकास्टर अल्लाहबादिया "लगातार जांच एजेंसियों के संपर्क से बाहर" थे।

पुलिस ने बताया कि 'इंडियाज गॉट लेटेंट' मामले में महाराष्ट्र साइबर विभाग, गुवाहाटी पुलिस और जयपुर पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर में उनका नाम शामिल है।

सुप्रीम कोर्ट ने आज अपनी सुनवाई में कहा कि इस तरह के व्यवहार की निंदा की जानी चाहिए।

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, "सिर्फ इसलिए कि कोई सोचता है कि वह इतना लोकप्रिय हो गया है और किसी भी तरह के शब्द बोल सकता है, वह पूरे समाज को हल्के में ले सकता है? क्या धरती पर कोई ऐसा है जो इस भाषा को पसंद करेगा? उसके दिमाग में कुछ बहुत गंदा है जो उगल दिया गया है।"

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