प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में कहा कि देश का युवा अराजकता पसंद नहीं करता है। उन्होंने कहा कि अव्यवस्था और अस्थिरता के प्रति देश के युवा के मन में चिढ़ है। पिछले दिनों नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शनों में छात्रों का जिक्र आने के बाद प्रधानमंत्री का यह संबोधन उस संदर्भ में देखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'आने वाले दशक को रफ्तार देने में वे लोग अधिक सक्रिय भूमिका निभाएंगे जो जिनका जन्म 21वीं सदी में हुआ है। जो इस सदी के अहम मुद्दों को समझते हुए बड़े हुए हैं। ऐसे युवाओं को आज बहुत सारे नामों से पहचाना जाता है। कुछ लोग इन्हें मिलेनियल कहते हैं तो कुछ जेन जेड या जनरेशन जेड के नाम से जानते हैं। एक बात तो लोगों के दिमाग में फिट हो गई है कि ये सोशल मीडिया जनरेशन है। हम सब अनुभव करते हैं कि हमारी यह पीढ़ी बहुत प्रतिभाशाली है। कुछ अलग करने का उसका सपना रहता है।'
अव्यवस्था और अस्थिरता के प्रति युवाओं के मन में चिढ़
पीएम ने कहा, 'इस पीढ़ी की अपनी सोच भी होती है। सबसे बड़ी खुशी की बात यह है कि इन दिनों युवा सिस्टम को पसंद करते हैं। वे सिस्टम को फॉलो करना भी पसंद करते हैं, लेकिन अगर सिस्टम कहीं ठीक ढंग से रिस्पॉन्ड न करे तो वे बेचैन भी हो जाते हैं और हिम्मत के साथ सिस्टम को सवाल भी करते हैं। मैं इसे बेहद अच्छा मानता हूं। एक बात तो तय है कि हमारे देश के युवाओं को अराजकता के प्रति नफरत है। अव्यवस्था और अस्थिरता के प्रति उनके मन में चिढ़ है। वे परिवारवाद, जातिवाद, अपना-पराया, स्त्री-पुरूष जैसे भेदभाव को पसंद नहीं करते हैं।'
‘यह एक नई प्रकार की व्यवस्था, नए प्रकार का युग है’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'ऐसा कई बार देखा गया है कि एयरपोर्ट पर या सिनेमा हॉल में कोई कतार तोड़ने का प्रयास करता है तो सबसे पहले युवा ही इसका विरोध करते हैं। यह एक नई प्रकार की व्यवस्था, नए प्रकार का युग है। आज भारत को इस पीढ़ी से बहुत उम्मीद है। स्वामी विवेकानंद ने भी युवाओं में ही भरोसा जताया था। इन्हीं मे से मेरे कार्यकर्ता निकलेंगे।'
देशभर के विश्वविद्यालयों में प्रदर्शन
गौरतलब है कि पिछले दिनों नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को लेकर देश के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन देखने को मिले। जबकि देशभर के कई बड़े विश्वविद्यालयों में भी विरोध प्रदर्शन जारी है। जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भी छात्रों ने उग्र प्रदर्शन किया था।