राजस्थान इन दिनों जीका वायरस की चपेट में है। जयपुर में खतरनाक जीका वायरस के शनिवार को 8 नए मामले सामने आने के बाद इससे संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़कर 50 पहुंच गई है।
स्वास्थ्य विभाग ने बताया है कि इनमें से 38 लोग पहले से बेहतर हैं। इस बीच अब स्वास्थ्य विभाग और जयपुर नगरपालिका ने रविवार से एक घर-घर जाकर चेकिंग करने का फैसला किया है। अगर किसी घर में वायरस का लार्वा मिला तो परिवार पर जुर्माना लगाया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग का दावा
स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया है कि लोग अपने पानी के टैंक साफ नहीं करते, जिससे मच्छरों को उनके घरों के अंदर पैदा होने का मौका मिलता है। विभाग ने 11,313 घरों में सर्वे किया और उनमें से 2,282 में लार्वा पाया गया। स्वास्थ्य विभाग ने 75 बुखार पीड़ितों और 58 गर्भवती महिलाओं के 133 यूरिन और ब्लड सैंपल परीक्षण के लिए सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज भेजे हैं।
क्या है जीका?
जीका एक वायरस है जो एडीज, एजिप्टी और अन्य मच्छरों से फैलता है। ये चिकनगुनिया और डेंगू भी फैलाते हैं।
क्या है लक्षण?
जीका के लक्षणों में बुखार, जोड़ो का दर्द, शरीर पर लाल चकत्ते, थकान, सिर दर्द और आंखों का लाल होना आदि शामिल है।
इससे माइक्रोकेफेली का खतरा होता है। इससे प्रभावित बच्चे का जन्म आकार में छोटे और अविकसित दिमाग के साथ होता है।
इसके अलावा इससे ग्यूलेन-बैरे का भी खतरा होता है। इसमें सिंड्रोम शरीर के तंत्रिका तंत्र पर हमला करता है जिससे लोग लकवा का शिकार हो जाते हैं।
जीका का इतिहास
जीका वायरस की पहचान पहली बार 1947 में हुई थी। जिसके बाद ये कई बार अफ्रीका व साउथ ईस्ट एशिया के देशों के कुछ हिस्सों में फैला था।
बचाव के उपाय
इससे बचाव के लिए आप कुछ उपाय कर सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार जीका वायरस के संक्रमण को रोकने का सबसे अच्छा उपाय है मच्छरों की रोकथाम। तो आसपास मच्छरों को पनपने से रोकें। घर के आसपास गमले, बाल्टी, कूलर आदि में भरा पानी निकाल दें।
मच्छरों से बचने के लिए पूरे शरीर को ढककर रखें और हल्के रंग के कपड़े पहनें।
बुखार, गले में खराश, जोड़ों में दर्द, आंखें लाल होने जैसे लक्षण नजर आने पर अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन और भरपूर आराम करें।
जीका वायरस का फिलहाल कोई टीका उपलब्ध नहीं है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि स्थिति में सुधार नहीं होने पर फौरन डॉक्टर को दिखाना चाहिए।