लॉकडाउन के दौरान दफ्तरों में मीटिंग के लिए जूम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप का इस्तेमाल हो रहा है। लेकिन सरकार ने कहा है कि यह सुरक्षित प्लेटफॉर्म नहीं है। इस बात की चेतावनी गृह मंत्रालय के साइबर समन्वय केंद्र (सीसीसी) ने दी है। दरअसल, कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से अधिकांश कामकाज डिजिटल माध्यम से ही हो रहेे हैंं।
सरकारी कामकाज के लिए ऐप सुरक्षित नहीं: सीसीसी
सीसीसी की तरफ से 12 अप्रैल को जारी एडवाइजरी में कहा गया कि जूम मीटिंग प्लेटफॉर्म का सुरक्षित उपयोग सिर्फ निजी व्यक्तियों के लिए है। यह सरकारी कार्यालयों या आधिकारिक उद्देश्यों के मद्देनजर सुरक्षित नहीं है। इसके बाद सरकार की तरफ से कहा गया कि सीईआरटी-इन ने इसी साल 6 फरवरी और 30 मार्च को सूचित किया था कि जूम ऐप एक सुरक्षित प्लेटफॉर्म नहीं है।
'एनआईसी प्लेटफॉर्म का करें इस्तेमाल'
लॉकडाउन के बाद सरकार सहित कई लोग वीडियो कॉन्फ्रेंस के लिए जूम ऐप का उपयोग कर रहे है। इसलिए सरकार की तरफ से सभी मंत्रालयों सहित अन्य सरकारी कामकाज हेतु वीडियो-मीटिंग के लिए स्वदेशी रूप से विकसित राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने को कहा है। दरअसल, जूम ऐप का सॉफ्टवेयर चीन में बनाया गया है। इस कारण सुरक्षा के बाबत यह खतरा बन सकता है।
निजी उपयोगकर्ताओं को लेकर दिए दिशानिर्देश
गृह मंत्रालय के साइबर समन्वय केंद्र ने निजी उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा को लेकर अपने दिशानिर्देशों में कहा है कि जो व्यक्ति अभी भी निजी कार्यों के लिए जूम ऐप का उपयोग करना चाहते हैं, उन्हें कुछ दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए। सीसीसी ने कहा कि कॉन्फ्रेंस रूम में अनाधिकृत प्रवेश और अनाधिकृत रूप से किसी की भागीदारी में दूसरों के टर्मिनलों पर प्रतिक्रिया देने से बचना चाहिए। सीसीसी की तरफ से निजी यूजर्स को यह सलाह भी दी गई कि पासवर्ड और एक्सेस को लेकर उपयोगकर्ताओं को ‘DOS’ हमलों से बचने चाहिए।