सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यूट्यूबर और पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया को विदेश यात्रा की अनुमति देते हुए महाराष्ट्र साइबर क्राइम ब्यूरो को उनका पासपोर्ट लौटाने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने इलाहाबादिया को पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए आवश्यक आवेदन करने की अनुमति भी प्रदान की।
यह आदेश तब आया जब अदालत को बताया गया कि असम और महाराष्ट्र में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर की जांच पूरी हो चुकी है। ये एफआईआर 'इंडियाज़ गॉट लैटेंट' शो के एक एपिसोड में दिए गए विवादास्पद बयानों के संबंध में दर्ज की गई थीं।
रणवीर इलाहाबादिया ने सुप्रीम कोर्ट में पूरे देश में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को एक साथ जोड़ने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी। उनकी ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिनव चंद्रचूड़ ने असम और महाराष्ट्र में दर्ज एफआईआर को क्लब करने का अनुरोध किया। हालांकि, पीठ ने स्पष्ट किया कि गुवाहाटी की एफआईआर में कुछ विशेष आरोप हैं, जो मुंबई की एफआईआर में शामिल नहीं हैं।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबादिया को ‘द रणवीर शो’ दोबारा शुरू करने की अनुमति दी थी, बशर्ते कि वह शालीनता और नैतिकता के मानकों का पालन करें। अदालत ने यह अनुमति यह देखते हुए दी थी कि इस शो से लगभग 280 कर्मचारियों की आजीविका जुड़ी हुई है।
गौरतलब है कि विवाद के बाद अदालत ने इलाहाबादिया और उनके साथियों को कुछ समय के लिए शो-बिजनेस से दूर रहने का निर्देश दिया था और उनके शो में की गई टिप्पणियों को "गंदी और विकृत" करार दिया था। अदालत ने यह भी निर्देश दिया था कि विवादित एपिसोड के आधार पर उनके खिलाफ कोई नई एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी। साथ ही इलाहाबादिया को अपना पासपोर्ट पुलिस के पास जमा कराने और बिना अनुमति देश छोड़ने पर रोक लगा दी गई थी।
इसके अलावा, अदालत ने केंद्र सरकार से यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील कंटेंट को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने पर विचार करने को कहा था। अदालत ने इस मुद्दे पर अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल से सहयोग भी मांगा था।
ज्ञात हो कि 11 फरवरी को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने जानकारी दी थी कि गुवाहाटी पुलिस ने इलाहाबादिया समेत समय रैना, आशीष चंचलानी, जसप्रीत सिंह, अपूर्वा मखीजा और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। उन पर 'इंडियाज़ गॉट लैटेंट' शो में अश्लीलता फैलाने का आरोप है।