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भ्रष्‍टाचार : देश में हर 100 में से 19 मामलों में ही हो पाती है सजा

भ्रष्‍टाचार के मामलों में हमारे देश में सजा बहुत कम हो पाती है। जांच एजेंसियों की ओर से दर्ज किए गए भ्रष्टाचार के हर सौ मामले में सिर्फ 19 मामलों में ही आरोपी को सजा हो पाई है। एक स्वयंसेवी संस्था पिछले 15 सालों के आपराधिक आंकड़ों के सर्वे में इन चौंकाने वाले तथ्यों को लेकर सामने आई है।
भ्रष्‍टाचार : देश में हर 100 में से 19 मामलों में ही हो पाती है सजा

कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशियेटिव ने 2001 से 2015 तक के एनसीआरबी के आंकड़ों को खंगालकर जो नतीजे पाए उसके मुताबिक भ्रष्टाचार के मामलों में सजा दिला पाने में सबसे अच्छी स्थिति पंजाब की है। पंजाब में मामला दर्ज होने पर 36.58 फीसद मामलों में आरोपियों को सजा हुई है। जबकि भ्रष्टाचार के मामलों में अदालतों में सुनवाई का राष्ट्रीय औसत करीब 35 फीसद ही है। विभिन्न जांच एजेंसियों की ओर से भ्रष्टाचार के मामलों में अदालत से सिर्फ 31 फीसद लोगों को सजा हुई है।

इन 15 सालों के दौरान भ्रष्टाचार के मामलों में 69 फीसद (29,591) लोगों को बरी कर दिया गया। गोवा, मणिपुर और त्रिपुरा जैसे राज्यों में भ्रष्टाचार के शत-प्रतिशत आरोपी छूट जाते हैं। इन राज्यों में सभी 30 आरोपियों को छोड़ दिया गया है।

अमूमन देखा जाता है कि जांच एजेंसियां हर दर्ज केस में आरोप पत्र दायर करने लायक सुबूत जुटा ही नहीं पाती हैं। कई दफा एफआइआर में लगाए गए आरोपों के समर्थन में उनके पास कोई सुबूत भी नहीं होते हैं। भ्रष्टाचार के मामले अदालती सुनवाई तक पहुंचाने के मामले में केरल की हालत बहुत ही बेहतर है। वर्ष 2001-15 के बीच केरल में 62 फीसद मामलों की अदालत में सुनवाई हुई। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार सजा पाने वालों का प्रतिशत 24.35 फीसद ही है। 

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