खंडपीठ ने याची सत्य नारायण प्रसाद को दो मार्च को अगली सुनवाई पर अदालत को यह बताने के लिए कहा गया है कि आखिर किस कानून व नियम के तहत लोकसभा में हारे प्रत्याशी को राज्यसभा में जाने से रोका जा सकता है।
अदालत ने कहा कि इस तरह की याचिका लगाने का याचिकाकर्ता का अधिकार क्षेत्र नहीं है। इस पर जवाब दिया गया कि भारत का आम नागरिक होने के नाते इस गंभीर मुद्दे को उठाना उसके अधिकार क्षेत्र में आता है।
याचिका में कहा गया था कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहां वोट डालने वाले आम लोग सबसे ऊपर हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव हारने के बाद राज्यसभा के रास्ते संसद भवन में पहुंचने का जुगाड़ पूरी तरह दुर्भाग्यपूर्ण है।