दिल्ली में कौन असली बॉस है इसे लेकर दिल्ली की आप सरकार व उपराज्यपाल में टकराव बना रहा है। मुख्यमंत्री अरिवंद केजरीवाल कई मामलों में एलजी की बिना मंजूरी के फैसले लेते रहे हैं। यह अलग है कि नियम विरोधी फैसलों पर एलजी का वीटो रहा है। दिल्ली हाईकोर्ट में जब यह मसला गया तो हाईकोर्ट ने एलजी को प्रशासिनक फैसले लेने के मुद्दे पर फैसले कानूनी तौर पर सही ठहराया जिसके खिलाफ दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दस्तक दी है।
मामले की सुनवाई रही मुख्य न्यायधीश जेएस खेहर और डी वाई चंद्रचूर्ण और एस के कौल वाली बेंच ने दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रमण्यम से कहा कि संविधान पीठ का गठन गर्मियों की छुट्टियों के बाद कर लिया जाएगा।
मालूम हो कि पिछले दिनों उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार के कई फैसलों को पलटा है। ऐसे में हाईकोर्ट के
इसी फैसले के खिलाफ दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि वो एक संवैधानिक बेंच का गठन करे और हाईकोर्ट के इस फैसले पर विचार करे कि दिल्ली में किसका क्या अधिकार है।