सीबीआई सूत्रों ने मुताबिक, सत्येंद्र जैन दोपहर करीब करीब तीन बजे सीबीआई मुख्यालय पहुंचे। इससे पहले गुरुवार को भी जांच एजेंसी ने जैन से करीब नौ घंट तक गहन पूछताछ की थी तथा उन्हें सुबह 11 बजे मुख्यालय बुलाया गया था जिसके बाद देर शाम तक पूछताछ की गई। मालूम हो कि जैन 2015-16 के दौरान लोकसेवक रहते हुए प्रयास इंफो सोल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड, अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के जरिए कथित तौर पर 4.63 करोड़ रूपये के धनशोधन में लिप्त थे, मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनसे जुड़ी संपत्ति जब्त करने के बाद मंत्री ने आरोपों से इंकार किया था।
सीबीआई का कहना था कि उसने जो रिपोर्ट इनकम टैक्स से मिली, उसे आधार बनाकर प्रारंभिक जांच दर्ज की है। मामला नए बेनामी लेनदेन निषेध कानून के खिलाफ आयकर विभाग द्वारा सीबीआई को भेजा गया था जिसे सीबीआई ने जांच का आधार बनाया है। जांच के दौरान पता चला कि जैन के नियंत्रण वाली कंपनियों को कोलकाता स्थित जीवेंद्र मिश्रा, अभिषेक चोखानी और राजेंद्र बंसल नाम के तीन हवाला कारोबारियों की 56 शेल कंपनियों से 16.39 करोड़ रुपये मिले। उधर, जैन आरोपों से इंकार करते रहे हैं। उनका कहना है कि हवाला कारोबारियों से उनका कोई लेना देना नहीं है।