स्वामी के साथी याचिकाकर्ता वकील इश्करन सिंह भंडारी ने आरोप लगाया है कि मामले के कई साक्ष्यों को नष्ट कर दिया गया है। सुनंदा पुष्कर की मौत का मामला राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हित से जुड़ा है, क्योंकि पुष्कर क्रिकेट से जुड़े भ्रष्टाचार के बड़े खुलासे करने जा रही थीं। उन्होंने कोर्ट को बताया कि पुष्कर अपनी मौत से पहले एक प्रेस कांफ्रेस करके क्रिकेट जगत के कई काले अध्याय खोलने जा रही थीं। कांग्रेस सांसद इस मामले को प्रभावित करने का काम कर रहे हैं। जांच में देरी की जा रही है, जो कि न्याय प्रणाली पर एक धब्बा है।
इस पर कोर्ट ने कहा कि न तो थरुर की पार्टी सत्ता में है और न ही वो मंत्री हैं। कोर्ट ने मामले में कोई आदेश पारित करने से पहले विपक्षी दल का पक्ष जानना चाहा। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल को मामले की अगली सुनवाई में अपना पक्ष रखन का निर्देश दिया। मालूम हो कि पिछले हफ्ते दायर याचिका में सीबीआई की अध्यक्षता वाली एक विशेष जांच दल बनाने की मांग की गई, जिसमें खुफिया विभाग, प्रवर्तन निदेशालय, रॉ और दिल्ली पुलिस को शामिल करने की बात कही गई थी। सुनंदा पुष्कर की मौत को तीन साल से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन अब तक इसका खुलासा नहीं हो सका है। सुनंदा पुष्कर की मौत 17 जनवरी 2014 को हुई थी।