सूत्रों के मुताबिक विदेश सचिव एस जयशंकर ने संसदीय समिति को बताया कि ऑपरेशन पहले भी हुए थे लेकिन जितने बड़े पैमाने पर इस बार हुआ वैसा पहले कभी नहीं हुआ। अब कांग्रेस इसी को मुद्दा बनाकर हमला कर रही है। हालांकि, संसदीय समिति में एस जयशंकर के बयान को लेकर ये सफाई आ रही है कि विदेश सचिव ने ये भी कहा है कि इस बार सरकार ने न सिर्फ स्ट्राइक की, बल्कि इसे सार्वजनिक भी किया है। यही बात अहम है।
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर पर हमला करते हुए ट्वीट किया, “विदेश सचिव एस जयशंकर ने भी माना कि सर्जिकल स्ट्राइक यूपीए सरकार के दौर में भी हुई हैंं। मिस्टर पर्रिकर, क्या उन्हें भी आरएसएस ने प्रशिक्षण दिया था।” इसके साथ ही कांग्रेस नेता अभिषक मनु सिंघवी ने मोदी सरकार पर हमला किया।
विदेश सचिव एस जयशंकर ने स्थायी संसदीय समिति को बताया कि पहले भी सर्जिकल स्ट्राइक हुए थे लेकिन एक बड़ा अंतर ये था कि पहले कभी ऐसे ऑपरेशन को सार्वजनिक नहीं किया गया था। स्थायी समिति की उस बैठक में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल थे लेकिन उन्होंने कोई सवाल नहीं पूछा।
समिति के सदस्यों को विदेश सचिव एस जयशंकर और उपसेना प्रमुख ले. जनरल विपिन रावत ने सर्जिकल ऑपरेशन और उसके बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्तों के बारे में जानकारी दी। कांग्रेस और विपक्ष के सदस्य ये जानना चाहते थे कि ऐसे ऑपरेशन पहले भी हुए हैं या नहीं?
विदेश सचिव ने ये तो माना कि ऐसे ऑपरेशन पहले भी सेना करती रही है लेकिन इस बार इसका पैमाना ज्यादा बड़ा था। ये भी पहली बार हुआ कि सफल ऑपरेशन के बाद सरकार ने इसेे सार्वजनिक भी किया। ये ही इस सर्जिकल स्ट्राइक की खास बात है। कांग्रेस की ओर से सत्यव्रत चतुर्वेदी और कर्ण सिंह ने सवाल पूछे, जबकि एनसीपी सांसद डीपी त्रिपाठी और सीपीएम सांसद मो. सलीम ने भी विदेश सचिव से कुछ जानकारी मांगी।