एनजीटी के प्रमुख न्यायमूर्ति स्वंतत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने फसल जलाने एवं वायु प्रदूषण को रोकने से जुड़े अपने आदेशों का पालन ना करने के लिए दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और उत्तर प्रदेश को फटकार लगायी। पीठ ने कहा, जब चारों तरफ धुंध थी और प्रदूषण तत्व निर्धारित सीमा से ज्यादा बढ़ गए, तब आपने क्या किया? साेमवार को छोड़कर आपने अब तक क्या कदम उठाए? चाहे राज्य हों या केंद्र, पहले पांच दिन किसी ने कुछ नहीं किया। हमें एक भी एेसी चीज दिखाएं जो आम लोगों की नजर में आयी हो।
पीठ ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता को सुधारने के लिए कई उपाय करने को कहा जिनमें दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक हफ्ते के लिए निर्माण गतिविधियों एवं पत्थर तोड़ने के काम तथा ईंट की भट्टियों के काम करने पर रोक लगाना शामिल है। सुनवाई के दौरान पीठ ने बिना किसी वैज्ञानिक अध्ययन के स्कूल बंद करने के लिए आप सरकार पर भी निशाना साधा और पूछा कि वह इस निष्कर्ष पर कैसे पहुंची कि घर के अंदर के प्रदूषण की स्थिति बाहर के प्रदूषण से बेहतर है।
एनजीटी ने धूल के प्रदूषण पर काबू करने के लिए हेलीकाॅप्टरों की बजाय क्रेन के जरिये पानी का छिड़काव करने के लिए भी दिल्ली सरकार को फटकारा। एनजीटी ने दिल्ली के नगर निगमों को निर्देश दिया कि वे पूरे शहर के विभिन्न स्थलों पर जाने के लिए 50 प्रतिशत कर्मचारी तैनात करे जो यह सुनिश्चित करें कि निर्माण के कारण कोई धूल प्रदूषण नहीं हो रहा है और नगरनिगम के ठोस कचरे को जलाया नहीं जा रहा है।
पीठ ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड :सीपीसीबी: को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति :डीपीसीसी: के सहयोग से एक हफ्ते के लिए वायु गुणवत्ता का आंकड़ा जुटाने को कहा। भाषा एजेंसी