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एक्सक्लूसिव- चिटफंड कंपनियों पर नजरदारी के लिए नई खुफिया एजेंसी

लुटने के बाद जांच-पड़ताल की जगह अब घोटाला न हो, इसके लिए नजरदारी के इंतजाम किए जा रहे हैं। सारधा जैसी चिटफंड कंपनियों को अंकुरित होने के पहले ही खत्म किया जा सके- इसके लिए अलग से एक खुफिया एजेंसी बनाने की तैयारी कर रही है भारत सरकार। इस एजेंसी का मुख्य काम होगा- अगर कोई फ्रॉड कंपनी मोटे ब्याज और मुनाफे का लालच देकर निवेश कराती है, तो उसकी जानकारी तुरंत ही शीर्षस्थ स्तर तक पहुंचे और कार्रवाई हो सके। यह एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के मातहत काम करेगी।
एक्सक्लूसिव- चिटफंड कंपनियों पर नजरदारी के लिए नई खुफिया एजेंसी

देश भर में सीबीआई की जांच से पता चला है कि चिटफंड कंपनियों ने छह करोड़ से ज्यादा लोगों को लगभग 69 करोड़ रुपए का चूना लगाया है। मौजूदा वित्त वर्ष के लिए बजट प्रावधानों का ऐलान करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चिट फंड कंपनियों पर अंकुश लगाने के लिए एक मजबूत कानून लाने की बात कही थी। उस कानून की तैयारी के दौरान पता चला कि देश में निवेश कराने वाली कंपनियों के बारे किसी तरह की समीक्षा या रिपोर्ट नहीं है। खुफिया एजेंसी ऐसी कंपनियों के बारे में एक-एक जानकारी जुटाएंगी। ऐसे में शुरुआती स्तर ही किसी कंपनी के बारे में यह पता करना आसान होगा कि वह किस तरह से लोगों के बीच जाकर फंड जमा कर रही है।

एक मंत्रिमंडलीय समूह ने राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक अपराध के लिए खुफिया एजेंसी बनाने की सिफारिश की थी। केंद्र और राज्य- दोनों ही स्तर पर इस एजेंसी का ढांचा तैयार किया जाएगा। सीबीआई नोडल एजेंसी होगी। साथ में केंद्र और राज्य के वित्त विभाग, कॉरपोरेट मंत्रालय, एसएफआईओ, पुलिस, आर्थिक अपराध दमन शाखा, रिजर्व बैंक, सेबी, आयकर और शुल्क विभाग, रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी, बैंक, इकोनॉमिक इंजेलीजेंस के लोग भी नई खुफिया एजेंसी के साथ समन्वय करेंगे। हर संस्थान में इस खुफिया एजेंसी के लिए विशेष दायित्व प्राप्त अफसर होगा। हर महीने राज्य और केंद्र स्तर पर इन लोगों की बैठक होगी। गांव से लेकर सोशल मीडिया तक यह एजेंसी नजर रखेगी।

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