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वन रैंक वन पेंशन की मांग पर धरने में बैठेे पूर्व सैन्‍य कर्मी ने की खुदकुशी

वन रैंक वन पेंशन की मांग को लेकर काफी समय से जंतर मंतर में धरने पर बैठेे एक पूर्व सैन्य कर्मी ने खुदकुशी कर ली। जान देने वाले शख्स का नाम राम किशन है। वह कई महीने से वन रैंक वन पेंशन की मांग को लेकर धरना दे रहा था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सैनिक की खुदकुशी पर ट्वीट किया है कि मोदी राज में किसान और जवान दोनोंं आत्महत्या कर रहे हैं। केजरीवाल ने खुदकुशी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं कि केंद्र सरकार ने वन रैंक वन पेंशन को लागू कर दिया है। उन्होंने सवालिया अंजाद में कहा है कि अगर OROP लागू होती तो राम किशन काेे खुदकुशी नहीं करनी पड़ती।
वन रैंक वन पेंशन की मांग पर धरने में बैठेे पूर्व सैन्‍य कर्मी ने की खुदकुशी

 

बताया जा रहा है कि राम किशन ने मंगलवार को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के आवास के सामने जहर खा लिया था। उसे गंभीर हालत में राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। पूरे मामले में रक्षा मंत्री ने रिपोर्ट मंगवाई है। परिजनों के मुताबिक, जो ज्ञापन उनके पिता अपनी मांगों को लेकर रक्षामंत्री को देने जा रहे थे, उसी पर उन्होंने सुसाइड नोट लिखकर जहर खा लिया।

जान गंवाने वाले राम किशन के बेटे का कहना है कि पिता से फोन पर बात हुई थी। उन्होंने बताया था कि OROP के मुद्दे पर सरकार पूरी तरह से फेल हो चुकी है। राम किशन ने सुसाइड से पहले सरकार पर OROP मुद्दे पर मांग पूरी नहीं करने का भी आरोप लगाया है। बता दें केंद्र सरकार वन रैंक वन पेंशन लागू कर चुकी है, लेकिन कुछ सैनिक इसमें खामियां गिना रहे हैं और विरोध कर रहे हैं। 

गौर हो कि पूर्व सैनिक पिछले करीब 40 साल से वन रैंक-वन पेंशन की मांग करते रहे हैं। छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद 1996 से पहले रिटायर हुए सैनिक की पेंशन 1996 के बाद रिटायर हुए सैनिक से 82% कम हो गई। इसी तरह 2006 से पहले रिटायर हुए मेजर की पेंशन उनके बाद रिटायर हुए अफसर से 53% कम हो गई। पुराने पेंशनर्स को बेसिक कम होने से डीए जुड़ने पर भी एक समान पेंशन लाभ नहीं मिल पा रहा था। बता दें केन्द्र सरकार वन रैंक वन पेंशन स्कीम लागू कर चुकी है, लेकिन कुछ सैनिक इससे अभी भी नाखुश हैं।

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