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पिस्टल के साथ एमआरआई रूम में पहुंचा गनर, मशीन हुई बंद, मरीज परेशान

यूपी सरकार बेशक वीआईपी कल्चर की खात्मे के दावे करती रही हो लेकिन सरकार के मंत्रियों का मोह इससे छूटता दिखाई नहीं दे रहा है। वीपीआई कल्चर के चलते ही लखनऊ के अस्पताल में मरीजों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है। मामला था मंत्री के साथ एमआरआई रूम में पिस्टल के साथ गनर के जबरन जाने का। अब खामियाजा भुगतना पड़ा रहा है मरीजों को। लाखों का गैर जरूरी खर्च आएगा सो अलग। आखिर इसके लिए किसकी जबावदेही होगी।
पिस्टल के साथ एमआरआई रूम में पहुंचा गनर, मशीन हुई बंद, मरीज परेशान

असल में शुक्रवार को यूपी के खादी व ग्रामोद्यागो मंत्री सत्यदे‍व चौधरी लखनऊ के लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में इलाज कराने गए थे। डॉक्टरों ने उनके सिर के एमआरआई की सलाह दी। जिस पर  मंत्रीजी को एमआरआई रूम में लाया गया। इसी दौरान मंत्री का गनर पिस्टल लेकर कमरे के अंदर चला गया। जैसे ही मंत्री का गनर अंदर गया एमआरआई मशीन की मैग्नेटिक फील्ड ने पिस्टल अंदर खींच ली। पिस्टल मशीन में चिपक गई और मशीन ने काम करना बंद कर दिया।

अब आलम यह है मशीन को ठीक करने में दस दिन लग जाएंगे और मरीजों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। मशीन पर 40 से 50 लाख रुपये का खर्च आेगा सो अलग। दीगर है कि एमआरआई रूम में लोहे की बनी कोई भी चीज साथ ले जाने पर पाबंदी रहती है। बताया जा रहा है कि अस्पताल के कर्मचारियों ने गनर को रोकने की कोशिश की, तो वह भड़क गया और जबरन अंदर चला गया। सवाल यह है कि  गनर की इस गलती के लिए कौन जिम्मेदार होगा।

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