पीटीआई के मुताबिक, दिल्ली उच्च न्यायालय अदालत ने सीएम वीरभद्र सिंह, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह, पुत्र विक्रमादित्य सिंह सहित एक अन्य व्यक्ति चुन्नी लाल की एफआईआर रद्द करने की याचिकाओं को खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति आरके गौबा ने कहा, ‘दलील विषय के अनुकूल नहीं हैं, परिणामस्वरूप यह खारिज कर दी जाती है’।
गौरतलब है कि सीबीआई द्वारा दायर एक आपराधिक शिकायत का संज्ञान लेने के बाद ईडी ने सितंबर 2015 में मुख्य रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मुख्यमंत्री और अन्य लोगों के खिलाफ मामला दायर किया था। प्रबन्ध निदेशालय (ईडी) ने पहले भी इस मामले में पूछताछ के लिए 83 वर्षीय सिंह, उनकी पत्नी और बेटे को बुलाया था।
दरअसल, उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री के उस दावे को खारिज किया, जिसके तहत यह आरोप था कि एफआईआर एक ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ का परिणाम है। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के ण्क अक्टूबर 2015 के आदेश के कारण स्थगित फौजदारी कार्यवाही के लिए मार्ग प्रशस्त किया था। अदालत ने इससे पहले याचिका पर ईडी, वीरभद्र सिंह और अन्य लोगों के वकील के तर्कों की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। सीबीआई ने 31 मार्च को आरोप पत्र दायर किया था, तब उच्च न्यायालय ने वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी से अधिक संपत्ति के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया था।