रवि के माता पिता और भारतीय जनता पार्टी रवि की मौत की सीबीआइ जांच कराने की मांग कर रही है लेकिन राज्य सरकार का कहना है कि जांच के लिए राज्य की सीआइडी ही काफी है। सीबीआइ जांच का मामला जब भाजपा की केंद्र सरकार के पास पहुंचा तो उसने तुरंत कह दिया कि अगर राज्य की कांग्रेस सरकार सीबीआइ जांच की अनुशंसा करेगी तो वह तुरंत सीबीआइ जांच शुरू कर देगी।
रवि एक ईमानदार छवि के अफसर थे। उन्होंने भू माफिया और रेता माफिया केलिए काफी मुश्किलें खड़ी कर रखी थी इसलिए आशंका जताई जा रही थी कि उनकी मौत के पीछे माफिया का हाथ हो सकता है। छत्तीस साल के रवि का शव 16 मार्च को उनके बेंगलूरू वाले फ्लैट में पंखे से लटकता हुआ मिला था। पुलिस ने पहली नजर में इसे आत्महत्या का मामला बताया।
अब इस मामले में एक नया पहलू सामने आया है। इंडियन ऐक्सप्रेस अखबार के मुताबिक रवि ने अपनी मौत से पहले एक घंटे में एक महिला आइएएस अफसर के चवालीस बार बात की थी। यह महिला आइएएस रवि की बैच मेट थी। दोनों 2009 बैच के आइएएस हैं। खबर के मुताबिक पुलिस अब महिला अधिकारी से भी पूछताछ करने वाली है।
इस बात के सामने आने के बाद रवि की मौत के मामले में एक नया मोड़ आ गया है। लेकिन यह सवाल अब भी अनुत्तरित है कि आइएएस रवि की मौत आखिर हुई कैसे? यह आत्महत्या है या हत्या का मामला है? अगर यह आत्महत्या का मामला है तो रवि को ऐसा कदम उठाने पर क्यों मजबूर होना पड़ा? हत्या का मामला है तो इस हत्या के पीछे कौन है? इन सारे सवालों का जवाब सिर्फ निष्पक्ष जांच के बाद ही सामने आ सकता है।