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पाकिस्तानी नाव को भारत ने उड़ाया था?

अब शायद सच सामने आए कि 31 दिसंबर की रात को भारत-पाकिस्तान समुद्री सीमा पर क्या हुआ था। पाकिस्तान की नाव में सवार अपराधियों या आतंकवादियों ने खुद आग लगा ली या फिर भारत सरकार ने उसे उड़ा दिया, यह फिर एक बड़ा सवाल बन गया है। कोस्ट गार्ड के डेप्टी इंस्पेक्टर जनरल बी.के. लोशाली ने इस सवाल पर केंद्र सरकार बुरी तरह से घिर गई है।
पाकिस्तानी नाव को भारत ने उड़ाया था?

इंडियन एक्सप्रेस ने आज एक खबर प्रकाशित की है जिसमें लोशाली के हवाले से यह कहा गया है पाकिस्तान की इस नाव को कोस्ट गार्ड ने धमाके में बर्बाद किया था। अखबार के मुताबिक लोशाली ने यह दावा गांधीनगर के चीफ ऑफ स्टाफ, कोस्ट गार्ड (नॉर्थ वेस्ट रीजन) में कोस्ट गार्ड की इंटरसेप्टर बोट आईसीजीएएस सी-421 के लॉन्च के मौके पर कई वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में किया था।

बाद में रक्षा मंत्रालय ने यह दावा किया कि डीआईजी ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया। इसके बाद अपनी खबर की रक्षा में इंडियन एक्सप्रेस ने लोशाली के बयान का पर्दाफाश करने वाला वीडियो जारी किया, जिसमें लोशाली साफ-साफ यह बोलते है,  'मुझे एक भाषण दिया गया था लेकिन मैं अपने मन से बोलूंगा। उम्मीद है, आपको 31 दिसंबर की वह रात याद होगी। हमने उस पाकिस्तान... को उड़ा दिया था। हमने उन्हें उड़ा दिया। मैं उस रात गांधीनगर में था। मैंने कहा, नाव को उड़ा दो। हम उन्हें बिरयानी नहीं खिलाना चाहते।'

यह बयान केंद्र सरकार के ल‌िए गले की हड्डी बन गया है। रक्षा मंत्री मनोहर परिकर पहले कह चुके हैं क‌ि पाक नाव में सवार लोग चूंक‌ि आतंकवादी थे, इसील‌िए उन्होंने इसे पकड़े जाने के डर से नाव को उड़ा दिया। गौरतलब है क‌ि उस समय केंद्र सरकार ने दावा किया था कि इस नाव पर सवार आतंकवादी भारत में २६-११ जैसी कोई घटना को अंजाम देना चाहते थे, जिसे भारत सरकार ने मुस्तैदी से नाकाम कर दिया। सरकार का यह दावा है क‌ि नाव में सवार लोगों ने खुद ही धमाका करके नाव को उड़ा लिया था।

इस पर राजनीत‌ि गरमा रही है। सवाल रक्षा मंत्री पर उठने लाजमी हैं। कांग्रेस ने इस पर सरकार पर हमला भी बोल दिया है। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने ट्वीट किया है, 'श्रीमान रक्षा मंत्री, बड़ा पाप क्या है, पाक बोट को उड़ाना या देश से झूठ बोलना? अगर वे असल में आतंकवादी थे तो उन्हें धमाके में उड़ाने पर शर्मसार क्यों होना?'

एक घटना को लेकर इतने अलग-अलग सरकारी बयान, अपने आप में संदेह पैदा करने वाली बात है। यह रहस्य आज तक बना हुआ है क‌ि आखिर ३१ दिसंबर की रात को समुद्री सीमा पर हुआ क्या था। सच क्या है? नाव पर कौन सवार थे ? उन्हें अगर भारत ने उड़ाया तो आखिर क्यों उड़ाया? उन्हें पकड़ा क्यों नहीं गया, और अगर नाव पर छोटे अपराधी सवार थे तो क्या सरकार ने अपने को खुद ही तमगे देने के ल‌िए? वाहवाही हासिल करने के ल‌िए इस सारी वारदात को अंजाम दिया? सच क्या है, यह आज भी रहस्य ही बना हुआ है। 

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