भारत-पाकिस्तान सिंधु जल संधि के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत फिर शुरू करने जा रहे हैं। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद ऐसी खबरें चलने लगी थीं कि भारत पाकिस्तान जाने वाले सिंधु नदी के पानी को रोक देगा। हालांकि ये तब सिर्फ कयास था अब भारत ने इस संधि पर फिर से बातचीत और पहलुओं को स्पष्ट करने की दिशा में बातचीत शुरू करने का फैसला किया है।
करीब छह महीने पहले भारत ने पाकिस्तानी संगठनों द्वारा आतंकी हमलों के मद्देनजर संधि पर वार्ता को निलंबित करने का फैसला किया था। सरकारी सूत्रों के मुताबिक स्थाई सिंधु आयोग की बैठक 31 मार्च से पहले होगी जो संधि के तहत तय है। संधि के तहत जरूरी है कि भारत और पाकिस्तान की बैठक हर वित्त वर्ष में हो, अगर ऐसा नहीं होता तो यह संधि का उल्लंघन होगा। आयोग की पिछली बैठक जून 2015 में हुई थी।
उरी में आतंकी हमलों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंधु संधि की समीक्षा बैठक सितंबर में की थी और कहा था कि खून और पानी साथ साथ नहीं बह सकते। इसी बैठक के बाद सरकार ने आगे बातचीत निलंबित करने का फैसला किया था।
स्थायी सिंधु आयोग में भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के अधिकारी होते हैं। इसका गठन मुद्दों के समाधान के लिए 57 साल पुरानी संधि के तहत किया गया था। सूत्रों के मुताबिक इस बार की बैठक में विवाद के मुख्य बिंदु भारत में किशनगंगा और रातले जलविद्युत परियोजनाओं पर फिर से चर्चा होने की संभावना है।