जयललिता, जिनके निधन के कारण उनके खिलाफ कार्यवाही बंद कर दी गई, के अलावा शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को उच्चतम न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी करार देते हुए चार साल जेल की सजा सुनाई।
न्यायमूर्ति पीसी घोष और न्यायमूर्ति अमिताभ रॉय की खंडपीठ ने निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि आभूषण और कलाई घड़ियों के अलावा उनके पास 1.30 करोड़ रूपए के वाहन और 20.8 लाख रूपए कीमत के 400 किलोग्राम से ज्यादा चांदी भी थी। निचली अदालत ने अपने आदेश में 1991 से 1996 के बीच की अवधि में दोषियों के पास रही संपत्तियों का यही हिसाब लगाया था।
बहरहाल, निचली अदालत ने संपत्तियों का हिसाब लगाते वक्त अभियोजन पक्ष के इस दावे पर विचार नहीं किया था कि उनके पास 92.4 लाख रूपए की साड़ियां और दो लाख रूपए के चप्पल-जूते थे।
विशेष अदालत की ओर से की गई संपत्तियों की गणना पर मुहर लगाते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा कि चेन्नई में जयललिता के पोएस गार्डन आवास में रहने वाले दोषियों ने सामूहिक तौर पर 20.07 करोड़ रूपए की अचल संपत्तियां इकट्ठा की और 22.53 करोड़ के नवनिर्मित भवन पर नियंत्रण किया।
साल 1991 से 1996 के बीच उनके पास एक मारूति कार, हिंदुस्तान मोटर्स की एक कंटेसा सहित 1.29 करोड़ रूपए की वैन और जीप भी थी। मूल्यांकन की अवधि से पहले उनके पास रही संपत्तियां 2.01 करोड़ रूपए की आंकी गई जबकि शेष पांच-छह सालों में अर्जित की गई।
दोषियों के बैंक खातों में 97.47 लाख रूपए की नगदी आंकी गई जबकि उनके नाम पर सावधि जमा एवं शेयर 3.42 करोड़ रूपए के थे। भाषा