पाकिस्तान पर हमले के बाद भारत तनाव को कम करने की हर संभव कूटनीतिक प्रयास रहा है। लेकिन पाकिस्तान भारत को उकसाने का कोई भी अवसर गंवाना नहीं चाहता। सूत्रों के मुताबिक अमेरिकी उपग्रह में भारतीय कार्रवाई के सबूत भी दर्ज हो गए हैं। अमेरिकी एनएसए का भारत के एनएसए अजीत डोभाल को ऑपरेशन के बाद तुरन्त फोन करना अपने आप में पर्याप्त सबूत है कि भारत की तरफ से सर्जिकल स्ट्राइक की गई है।
ओसामा को अमेरिका के विशेष कमांडो दस्ते ने कैसे मार गिराया था इस पर अमेरिकी सरकार से इसके बारे में अगर कोई यह जानकारी मांगता है तो नहीं दी जाती बल्कि इससे सुरक्षा निरोधक कार्रवाई के दायरे में आने का खतरा बन जाता है। अमेरिकी कमांडों ने न सिर्फ इस पूरे आपरेशन को रिकॉर्ड किया था बल्कि इसकी लाइव स्ट्रीमिंग भी की थी जिसे वाइट हाउस में राष्ट्रपति ओबामा और उनके सुरक्षा सहयोगी इसे देख रहे थे।
ऐसे में उसने इन जानकारियों को परदे में रखा। दरअसल, सर्जिकल ऑपरेशन्स के लिए माने जाने वाले इज़रायल-अमेरिका-रुस जैसे देश इन्हें अपनी ट्रेनिंग और तकनीकी कारणों के लिए फिल्माते हैं। जिससे भविष्य में भूल सुधार और और क्या बेहतर हो सकता था को जाना और उस पर अमल किया जा सके। निश्चित तौर पर भारत सरकार ने भी इस ऑपरेशन के फोटो और वीडियो फिल्माए हैं।
भारतीय सेटेलाइट ने इस ऑपरेशन के फुटेज लिए हैं, जबकि ग्राउंड जीरो में मौजूद एक-एक कमांडो जो कि अपने आप में कम्पलीट यूनिट की तरह था ने इस ऑपरेशन को हेलमेट में लगे थर्मल इमेंजिग और नाइटविजन कैमरों की मदद से फिल्माया भी है। इन्हें सार्वजानिक करने से दुश्मन न सिर्फ आपकी कार्रवाई करने के तरीके, आपकी सामरिक तैयारी, आपके कमांडो की क्षमता-कमज़ोरी को समझ लेंगे बल्कि कश्मीर जैसे मामले में यह फुटेज भविष्य में बदली भू राजनितिक परिस्थितियों में अंतराष्ट्रीय मंचों पर भारत के खिलाफ एक हथियार के रूप में इस्तेमाल हो सकता है। यही वजह है कि एबटाबाद ऑपरेशन का वीडियो अमेरिकी सेना ने आज तक जारी नहीं किया है।