दरअसल विश्राम ओल्ड एज होम में बीते 8 मई को महात्मा गांधी के पोते कनु भाई गांधी गुजरात से रहने आए हैं। हालांकि, वह इसके पीछे की वजह खुलकर नहीं बता रहे हैं। खास बात ये भी है कि कनु भाई इसके लिए किसी को भी जिम्मेदार नहीं मानते। नासा में काम कर चुके कनु भाई को अब दिल्ली में ओल्ड एज होम में रहने का उन्हें कोई मलाल नहीं है और साथ ही उनको किसी की मदद भी नहीं चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में उऩ्होंने कहा कि हमारे पीएम अच्छे इंसान हैं और मैंने उनका समर्थन किया है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करना चाहते हैं। उनकी पत्नी कहती हैं कि जिस देश की कल्पना लेकर वापस आए थे, देश ऐसा नहीं है। लोगों में त्याग की भावना खत्म हो चुकी है।' ओल्ड एज होम के संस्थापक मानते हैं कि कनु भाई और उनकी पत्नी का उनके साथ ठहरना महानता है। वे कहते हैं, 'यहां सड़क से उठाकर लाए बुजुर्गों को सहारा मिलता है। हम अपनी तरफ से उन्हें पूरी सुविधाएं देने की कोशिश कर रहे हैं।'
गांधी के पोते दिल्ली के ओल्ड एज होम में, गुजरात से क्यों आए, वजह नहीं बता रहे
महात्मा गांधी के सबसे करीबी रह चुके उनके पोते कनु भाई गांधी दिल्ली के एक ओल्ड एज होम में रह रहे हैं। दिल्ली के बदरपुर इलाके के पास बसी इस बस्ती में पिछले कुछ समय से लोगों का आना जाना बढ़ गया है।
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