समाचार पत्र दि हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने अहमदाबाद में जीका वायरस के मामले सामने आने के बाद भी इसे उजागर नहीं होने दिया! यहां तक इस दिशा में रोकथाम में लगे स्वास्थ्य कर्मियों से भी यह बात छुपा कर रखी गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस मामले में केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के सहयोग न करने पर निराशा जताई है।
अहमदाबाद में 4 जनवरी, 2017 को ही जीका वायरस के मामलों की पुष्टि हो गई थी। लेकिन सप्ताहभर बाद ही विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए पीएम मोदी के फ्लैगशिप ‘वाइब्रेंट गुजरात’ समिट का आयोजन होने वाना था। अगर ऐसे में ट्रैवल एडवाइजरी जारी की जाती तो ‘वाइब्रेंट गुजरात’ का फ्लॉप होना तय था।
स्वास्थ्य मंत्रालय में उच्चपदस्थ सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि वाइब्रेंट गुजरात की वजह से ही जीका वायरस के मामलों को सरकार ने दबाकर रखा था। उधर स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि जीका के मामलों को इसलिए उजागर नहीं किया गया क्योंकि इससे डर का महौल बन सकता था।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    