बड़े सरकारी अधिकारियों ने बताया कि मसले से पीएम नाराज हैं। बिना इजाजत सरकारी या प्राइवेट एंटिटी की तरफ से प्रधानमंत्री के फोटो के इस्तेमाल का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले जियो और पेटीएम के विज्ञापनों में भी प्रधानमंत्री की फोटो का बिना इजाजत इस्तेमाल हुआ है।
खादी के कैलेंडर पर मोदी की फोटो छपने के बाद से ही विरोधी लगातार सरकार की आलोचना कर रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पीएम की चिंता अपने पीआर कैंपेन पर ज्यादा है। कौन सा कुर्ता पहनना है ? कैसा लगना है? क्या ट्वीट करना है ? और क्या whatsapp करना है ? यही पीएम मोदी की विचारधारा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने भी इसी मुद्दे को और आगे ले जाते हुए कहा कि गांधी और मोदी की तुलना नहीं हो सकती।
विवाद पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस पूरे मसले को रफा-दफा करते हुए कहा कि इसमें कोई विवाद उनको नहीं दिखता और गांधी की तस्वीर छपना कोई तय नियम या कानून नहीं है।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा था कि एक गैर मुद्दे को बेवजह तूल दिया जा रहा है। साथ ही दावा किया किया केवीआईसी के कैलेंडरों और डायरी में गांधीजी के चित्रों का इस्तेमाल 1996, 2002, 2005, 2011, 2012 और 2013 में उपयोग नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि केवीआईसी में ऐसा कोई नियम नहीं है कि केवल गांधीजी के चित्र का ही उपयोग किया जा सकता है।