श्रम ब्यूरो के रोजगार में परिवर्तन पर 25वीं तिमाही रपट के मुताबिक इन आठ क्षेत्रों में हैंडलूम-पावरलूम, चमड़ा, परिवहन और धातु उद्योग शामिल हैं जो थोड़े दबाव में हैं। जनवरी-मार्च की तिमाही में इन दबाव वाले क्षेत्राों में रोजगार 64,000 से थोड़ा अधिक बढा।
वित्त वर्ष 2014-15 की पहली तीन तिमाहियों में इन क्षेत्रों में रोजगार में क्रमश: 1.82 लाख, 1.58 लाख और 1.17 लाख रोजगार की वृद्धि हुई थी। ब्यूरो की 24वीं रपट के मुताबिक 2013-14 की जनवरी से मार्च की तिमाही में कुल रोजगार में 36,000 की कटौती हुई। रपट में यह भी कहा गया कि 2013-14 के दौरान कुल मिलाकर 2.76 लाख रोजगार बढ़े।
उद्योग के आधार पर सूचना प्रौद्योगिकी-बीपीओ क्षेत्र में जनवरी से मार्च के दौरान 37,000 रोजगार बढ़े जिसके बाद कपड़ा जिसमें परिधान क्षेत्र शामिल है :24,000:, वाहन क्षेत्र (20,000) और धातु क्षेत्र (।,000) शामिल हैं। रोजगार में सबसे बड़ी गिरावट चमड़ा क्षेत्र (8,000) में दर्ज हुई जिसके बाद रत्न एवं जेवरात (6,000), परिवहन (2,000) और हैंडलूम-पावरलूम (2,000) का स्थान रहा।
मार्च 2015 में समाप्त तिमाही के दौरान पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले सीधे भर्ती कर्मचारियों के खंड में रोजगार 15,000 बढ़ा जबकि अनुबंध क्षेत्र में 49,000 बढ़ा।