नोटबंदी से औदयोगिक शहर कानपुर की जीवन रेखा माना जाने वाला चमड़ा उदयोग काफी प्रभावित हुआ है। टेनरी मालिकों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है एक तो वह नकदी न होने से कच्चा माल किसानों और गांव वालों से नही खरीद पा रहे हैं, दूसरी ओर वह चमड़ा उत्पादों को तैयार नही कर पा रहे हैं, जिस कारण उनके लाखों रूपये के देशी विदेशी आर्डर अटक गये हैं।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने गंगा में अपशिष्ट पदार्थों के उत्सर्जन पर रोक लगाने के लिए कानपुर में गंगा के तट पर स्थित चमड़ा कारखानों को किसी दूसरी जगह स्थानांतरित करने के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि वह राजा की तरह व्यवहार नहीं कर सकती।
गंगा नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए जिला प्रशासन ने गंगा किनारे टेनरी मालिकों के चमड़ा सुखाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसकी जांच के लिए प्रशासन ने टीमों का गठन किया है, जो इस पर नजर रखेंगी और चमड़ा सुखाते पाए जाने पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सूचना प्रौद्योगिकी-बीपीओ, वाहन, रत्न एवं जेवरात और कपड़ा समेत आठ क्षेत्रों में रोजगार पिछले वित्त वर्ष के दौरान 5.21 लाख बढ़ा। यह बात एक सरकारी रपट में कही गई।