Advertisement

इलाहाबाद के स्कूल में राष्ट्रगान पर 12 सालों से पाबंदी, मैनेजर गिरफ्तार

इलाहाबाद के एक स्कूल में राष्ट्रगान गाने पर पिछले बारह सालों से पाबंदी लगी हुई है। इस प्राइवेट स्कूल के स्टाफ ने इस बार के स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रगान की इजाजत मांगी तो प्रिंसिपल समेत नौ टीचर्स की नौकरी चली गई।
इलाहाबाद के स्कूल में राष्ट्रगान पर 12 सालों से पाबंदी, मैनेजर गिरफ्तार

स्कूल का मैनेजमेंट इस जिद पर अड़ा है कि कुछ शब्द हटाए जाने तक वह अपने यहां राष्ट्रगान नहीं होने देगा। इस मसले के तूल पकड़ने के बाद प्रशासन ने मामले की जांच कर स्कूल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए स्‍कूल मैनेजर जिया उल हक पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया है। 

अगले हफ्ते आजादी का जश्न मनाने के लिए इसे गाने की अनुमति मांगने पर इस प्राइवेट स्कूल की महिला प्रिंसिपल और आठ टीचर्स की नौकरी चली गई है।

इलाहाबाद के शिवकुटी इलाके में पिछले बारह सालों से चल रहे एमए कान्वेंट स्कूल में आज तक कभी राष्ट्रगान नहीं गाया गया। नर्सरी से आठवीं तक चलने वाले इस स्कूल में शुरू से ही राष्ट्रगान पर पाबंदी है। इतना ही नहीं यहां के बच्चों को न तो संस्कृत पढ़ने की छूट है और न ही सरस्वती वंदना गाने और वंदे मातरम बोलने की।

तकरीबन आठ सौ बच्चों वाले इस स्कूल में अधिकतर सनातनधर्मी परिवारों के छात्र ही पढ़ते हैं। स्कूल चलाने वाले यहां के मैनेजर जियाउल हक का कहना है कि उन्हें राष्ट्रगान के भारत भाग्य विधाता शब्द से एतराज है। यह उनके मजहब के अनुकूल नहीं है, इसलिए उनके यहां इसे गाने पर पाबंदी है।

सरस्वती वंदना और वंदे मातरम को भी वह एक धर्म विशेष का बताकर इसका विरोध करते हैं। स्कूल की नई प्रिंसिपल और टीचर्स ने इस बार राष्ट्रगान कराने की भी इजाजत मांगी तो स्कूल मैनेजमेंट नाराज हो गया और उन्हें दो टूक बता दिया कि इस स्कूल में राष्ट्रगान पर पाबंदी है और इसे यहां नहीं गाया जा सकता। प्रिंसिपल और टीचर्स ने मैनेजमेंट को समझाने की कोशिश की तो उन्हें नौकरी छोड़कर जाने के लिए कहा गया। राष्ट्रगान का अपमान होने और तालिबानी फरमान सुनाए जाने पर प्रिंसिपल और आठ टीचर्स ने नौकरी छोड़ देने का फैसला किया। प्रशासन ने इस मामले में बीएसए को जांच सौंपकर उनसे तीन दिनों में रिपोर्ट देने को कहा है। शुरुआती जांच में पता चला है कि नर्सरी से आठवीं तक चलने वाला एमए कान्वेंट स्कूल बिना मान्यता के ही चल रहा है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad