Advertisement

एनसीईआरटी के आधे सिलेबस को खत्म करेगी सरकार: प्रकाश जावड़ेकर

केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि मंत्रालय ने एनसीईआरटी के आधे सिलेबस को खत्म...
एनसीईआरटी के आधे सिलेबस को खत्म करेगी सरकार: प्रकाश जावड़ेकर

केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि मंत्रालय ने एनसीईआरटी के आधे सिलेबस को खत्म करने का फैसला लिया है, क्योंकि वह जटिल है। एएनआई के मुताबिक, उन्होंने कहा, 'सरकार ने फैसला लिया है कि जटिल होने के कारण एनसीईआरटी के आधे सिलेबस को खत्म कर दिया जाएगा।' 

प्रकाश जावड़ेकर ने इस बात पर भी जोर दिया कि बच्चों के लिए पढ़ाई के साथ-साथ एक्स्ट्रा-करिकुलर एक्टिविटीज भी जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि एक बच्चे को फिजिकल एजुकेशन, वैल्यु एजुकेशन और लाइफ स्किल्क की भी सीखना चाहिए। मंत्री ने कहा कि एक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा इस महीने के अंत तक केंद्रीय मंत्रिमंडल के सामने पेश किया जाएगा।

होमवर्क से निजात दिलाने के लिए सरकार लाएगी विधेयक

इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट ने कहा था कि पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों को उनके स्कूल, होमवर्क नहीं दे सकेंगे। इसे लेकर सरकार विधेयक लाने जा रही है। मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है केंद्र सरकार इस सिलसिले में संसद के मॉनसून सत्र में एक विधेयक लाएगी।

मद्रास उच्च न्यायालय के 30 मई के एक अंतरिम आदेश के मद्देनजर जावड़ेकर की यह टिप्पणी आई। अदालत ने केंद्र से कहा था कि वह राज्य सरकारों को यह निर्देश जारी करे कि वे स्कूली बच्चों के बस्ते का भार घटाएं और पहली एवं दूसरी कक्षा के बच्चों को होमवर्क से छुटकारा दिलाएं। जावड़ेकर ने कहा कि उनका मानना है कि नीरस तरीके से नहीं सीखा जा सकता है।

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं फैसले (अदालत के) का स्वागत करता हूं। हम आदेश का अध्ययन कर रहे हैं और जो कुछ भी जरूरी होगा, हम करेंगे।'' केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम , 2009 के अनुपालन में सरकार मॉनसून सत्र में ‘नो होमवर्क’ विधेयक लाएगी और इसके पारित हो जाने की उम्मीद है।

अदालत ने इस बात का जिक्र किया था कि बच्चे ना तो वेटलिफ्टर हैं ना ही बस्ते से लदे कंटेनर हैं। इसने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि स्कूली बस्ते का वजन बच्चे के वजन के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad