विश्वविद़यालय प्रशासन ने माइग्रेशन न होने की वजह से परिणाम भले ही रोक दिया है लेकिन उसको अभी तक कॉलेज में उनकी गैर हाजिरी नहीं दिखी है। इस पर वह चुप है। यूजीसी के नियमानुसार 75 फीसदी कक्षाएं पूरे करने वाले छात्रों को ही परीक्षा देने की अनुमति है।
विधायक चंद्रकाता मेघवाल को वर्ष 2014 में राज्य सरकार ने कोटा विश्वविद्यालय की प्रबंध समिति (बोम) का सदस्य नामित किया था। जिसके बाद विधायक ने सवाई माधोपुर के निजी महाविद्यालय शहीद कैप्टन रिपुदमन लॉ कॉलेज से 2015-16 में एलएलबी में प्रवेश ले लिया। प्रवेश लेने के बाद वह एक भी दिन कॉलेज नहीं गईं, बावजूद इसके उन्होंने पहले जनवरी में प्रथम सत्र और अब 24 जून से 8 जुलाई तक हुई सेकेंड सेमेस्टर की परीक्षाएं भी दे दीं। भाजपा विधायक की पोल तब खुली जब विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनका प्रथम सत्र का परीक्षा परिणाम रोका।
हालांकि विवि प्रशासन ने यह कार्रवाई कम हाजिरी की वजह से नहीं, बल्कि माइग्रेशन फॉर्म जमा न होने के कारण की है। यूजीसी के नियमानुसार 75 फीसदी कक्षाएं पूरे करने वाले छात्रों को ही परीक्षा देने की अनुमति है, लेकिन विधायक के मामले में इस नियम को ताक पर रख दिया गया। इस मामले पर विधायक ने कहा कि उन्होंने स्वयंपाठी (प्राइवेट) छात्रा के तौर पर एलएलबी में प्रवेश लिया है।
इसलिए कॉलेज जाने का सवाल ही नहीं है। दूसरी तरफ कोटा विश्वविद्यालय के कुलपति ने किसी भी विधि महाविद्यालय में प्राइवेट या पार्ट टाइम एलएलबी पाठ्यक्रम से इनकार किया है। हालांकि परीक्षा परिणाम रोकने के बाद पूरे मामले की जानकारी होने पर भी कार्रवाई न किए जाने के सवाल पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने चुप्पी साध ली है। एजेंसी