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जनता करे वस्‍तुओं का बहिष्‍कार, अब चीन पर आर्थिक सर्जिकल आपरेशन की बारी

पाकिस्तान पर हमला करने के बाद केंद्र की भाजपा की तैयारी आर्थिक सर्जिकल ऑपरेशन के जरिए चीन को परास्‍त करने की है। देश में चाईनीज सामानों के खिलाफ बिगूल फूंकते हुए पार्टी ने जनता से इसके बहिष्कार का आह्वान किया है। पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्विट के जरिए लोगों से अपील की है कि सभी अपने दोस्तों और परिवारजनों के साथ प्रतिज्ञा करें कि न चीन का सामना खरीदेंगे, न किसी चीनी सामान को बढ़ावा देंगे।
जनता करे वस्‍तुओं का बहिष्‍कार, अब चीन पर आर्थिक सर्जिकल आपरेशन की बारी

 

जय हिंद के नारे के साथ विजयवर्गीय ने बॉयकाट चीन को हैशटैग बनाया है। चीनी वस्तुओं के खिलाफ लगातार किए एक ट्विट में विजयवर्गीय ने कहा है कि वे इन दिनों पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में हैं। दुर्गापूजा के माहौल में यहां बाजार में चारों ओर चीन में बनीं वस्तुएं दिखाई दे रही हैं। उन्होंने आगे लिखा है कि चीनी वस्तुओं को देखकर उन्हें बड़ा दु:ख हुआ। उसके बाद उन्होंने चीनी वस्तुओं के बहिष्कार से जुड़े ट्विट जारी किए। 

भाजपा महासचिव ने कहा है कि चीनी वस्तुओं को खरीदना अपरोक्ष रूप से आतंकवादी देश का समर्थन है। इस कवायद के जरिए उन्होंने पाक के खिलाफ आमजन में बने गुस्से को चीन की तरफ मोड़ने का प्रयास किया। वैसे भगवा ब्रिगेड के जरिए सोशल मीडिय़ा पर बीते दो माह से चीनी वस्तुओं के बहिष्कार को बढ़ावा देने की कवायद चल रही है। मगर पहली बार पार्टी के किसी बड़े नेता ने सार्वजनिक मंच से चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का आह्वान किया है। विजयवर्गीय के प्रयास को चीन के खिलाफ भाजपा के आर्थिक सर्जिकल ऑपरेशन की कवायद का हिस्सा माना जा रहा है। लेकिन सरकार की ओर से चीनी वस्तुओं के खिलाफ अभी कोई कदम नहीं उठाया गया है। 

चीन से भारत में करीब 60 अरब डाॅॅलर का आयात होता है और भारत से चीन के यहां महज 14 से15 अरब डाॅॅलर का ही निर्यात होता है। भारतीय उद्योग में उत्पाद क्षेत्र की दुर्दशा के लिए चीन के सस्ते माल ही दोषी हैं। चीन से आने वाले सस्ते माल की वजह से पीएम मोदी का मेक इन इंडिय़ा अभियान भी जम नहीं पा रहा है। अब पाकिस्तान से तनातनी के माहौल में उपजे राष्ट्रवाद के माहौल को भुुनाते हुए भाजपा देश के लोगों को स्वदेशी उत्पादों के लिए प्रेरित करते हुए चीन के माल का बहिष्कार करने को कहेगी। पार्टी को उम्मीद है कि चीनी वस्तुओं से भारतीयों का मोह भंग होते ही देश में मेक इन इंडिय़ा अभियान जोर पकड़ेगा।

 

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