मेवात की नूह तहसील में रहने वाला 55 साल का खान पिछले शुक्रवार एक दूध वाली भैंस खरीदने अपने गांव जयसिंहपुर से जयपुर के लिए निकला था। वह एक डेयरी किसान था, जिसने सोचा था कि वह रमजान के दौरान अपने दूध का उत्पादन बढ़ा ले। उसके परिजनों का कहना है कि व़ह गाय खरीदने गए थे। उन्होंने गौ की तस्करी नहीं की। हमारा सबकुछ बर्बाद हो गया।
राजस्थान के अलवर में गौ तस्करी के आरोप में लोगों की पिटाई का मामला गुरुवार को राज्यसभा में उठा। बीजेपी सांसद मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, "जिस तरह की घटना पेश की जा रही है, वैसी कोई घटना नहीं हुई है।" इस पर कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद बोले, "मुझे बहुत अफसोस है कि मंत्री को इस बारे में मालूम नहीं है। यहां तक कि न्यूयॉर्क टाइम्स भी जानता है, लेकिन मंत्री नहीं जानते।" इस बीच, राहुल गांधी ने इस मसले पर ट्वीट कर कहा, "ये चौंकाने वाली घटना है, अलवर में लॉ एंड ऑर्डर तोड़ा गया है, सरकार को जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।"
राहुल ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा, "जब सरकार जिम्मेदारी से बचती है और भीड़ को किसी की हत्या की इजाजत देती है तो ऐसी त्रासदियां ज्यादा होती हैं।"
नकवी ने सदन में कहा, "गौ रक्षा के नाम पर सरकार गुंडागर्दी का सपोर्ट नहीं करती। ये मामला बेहद सेंसिटिव है और सदन से कोई गलत मैसेज नहीं जाना चाहिए।" कांग्रेस ने इस मामले में संसद में स्थगन प्रस्ताव दिया। राज्यसभा में उपसभापति ने सरकार से कहा कि गृह मंत्रालय रिपोर्ट दे कि अलवर में कोई हिंसा नहीं हुई है। इसके बाद ही इस पर चर्चा की जाएगी। इस दौरान विपक्ष का हंगामा जारी रहा।
डॉक्टरों के मुताबिक, उसकी मौत हार्ट अटैक से हुई। बाद में राज्य सरकार ने भी हार्ट अटैक से मौत होने की बात कही।
पहलू के 24 वर्षीय बेटे इरशाद ने कहा, “यह जिंदगी का सबसे गलत फैसला था, जिसने मेरे पिता की जान ले ली।” इरशाद और उसका भाई आरिफ उस समय अपने पिता पहलू खान के साथ ही थे जब अलवर के बहरोर इलाके में कुछ गौ रक्षकों ने उनपर हमला कर दिया।
गौर हो कि गंभीर चोट आने के कारण सोमवार को पहलू खान की अस्पताल में मौत हो गई। आरिफ ने मीडिया को बताया, “मेरे पिता राजस्थान नंबरप्लेट वाले एक पिकअप ट्रक में अजमत के साथ थे, अजमत हमारे ही गांव का है। ट्रक में दो गाय और दो बछड़े थे। इरशाद, मैं और एक अन्य गांव वाला दूसरे ट्रक में आ रहे थे, जिसमें 3 गाय और 3 बछड़े थे।” आरिफ ने बताया कि किस तरह गौ रक्षकों ने उनके वाहन को रोका, उन्हें बाहर निकाला और बेल्ट व डंडो से पीटा। उसने कहा कि पुलिस 20-30 मिनट बाद आई, तब तक वो सभी बेहोश हो चुके थे।
गौ रक्षकों ने कथित तौर पर आरोप लगाया कि ये सभी गायों की तस्करी कर रहे थे। राजस्थान पुलिस ने दामोदर सिंह नाम के व्यक्ति की शिकायत के आधार पर पहलू खान व अन्य के खिलाफ गैरकानूनी तौर पर पशुओं को बूचड़खाने ले जाने के आरोप में प्राथमिक दर्ज की।
प्राथमिकी में कहा गया कि उन लोगों के पास गाय खरीदने के दस्तावेज या रसीद नहीं थी। हालांकि इरशाद ने दावा किया कि उनके पास रशीद थी। जयपुर नगर निगम (सीरियल नंबर 89942) की रशीद दिखाते हुए इरशाद ने कहा, “पता नहीं एफआईआर में क्यों कहा गया कि रशीद नहीं थी। मैंने 45000 रुपए में गाय को खरीदा था।” बता दें कि हमला करने वाले छह आरोपियों को पुलिस अब तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है।