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पीएम मोदी ने नियमों को ताक पर रख शिवपाल के आईएएस दामाद को दी मदद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सपा नेता शिवपाल यादव के आईएएस दामाद को मदद पहुंचाने में अपने ही मंत्रालय की राय को अनदेखा किया है। दामाद अजय यादव को प्रतिनियुक्ति पर एक राज्य से दूसरे राज्य में लाने के लिए प्रधानमंत्री की अध्‍यक्षता वाली नियुक्ति कमेटी ने अपने ही कार्मिक मंत्रालय की तीन-तीन बार की आपत्तियों को नजरअंदाज किया।
पीएम मोदी ने नियमों को ताक पर रख शिवपाल के आईएएस दामाद को दी मदद

यूपी में बाराबंकी के डीएम अजय यादव 2010 बैच के आईएएस हैं, लेकिन उनका मूल काडर उत्तर प्रदेश नहीं, बल्कि तमिलनाडु है। पिछले साल 28 अक्टूबर को केंद्र सरकार ने अजय यादव को तीन साल के लिए यूपी में नियुक्ति दी। नियमों के मुताबिक कमेटी की मंजूरी मिलने से पहले अर्जी कार्मिक मंत्रालय के पास जाती है। अजय यादव की अर्जी को कार्मिक मंत्रालय ने तीन बार खारिज किया था। इसके बाद भी पीएम मोदी ने अजय यादव की प्रतिनियुक्ति को मंजूरी दे दी। अजय यादव ने नवंबर, 2014 में यूपी में नियुक्ति मांगी। इसके लिए उन्होंने अपने बच्चे की बीमारी को मुख्य वजह बताया। साथ ही पिता के निधन के बाद अपनी मां की देखरेख की मजबूरी भी बताई।

लेकिन कार्मिक मंत्रालय ने पहले मई, 2015 में ये प्रस्ताव ठुकराया और कहा कि प्रतिनियुक्ति के लिए कम से कम 9 साल मूल काडर में सेवा आवश्‍यक है। यादव 2010 बैच के अफसर हैं, इसलिए उनकी अर्जी नहीं मानी जा सकती। मंत्रालय ने ये भी लिखा कि जिस तरह की वजह बताकर ये प्रतिनियुक्ति मांगी गई है। जो सामान्‍य हैं और नीति के तहत इस पर अनुमति नहीं दी जा सकती। अजय यादव की ओर से दोबारा अर्जी भेजे जाने पर भी मंत्रालय ने यही वजह बता कर उन्हें प्रतिनियुक्ति देने से इनकार कर दिया। इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से एक चिट्ठी लिखी गई, जिसमें कहा गया कि स्‍वयं सपा नेता शिवपाल सिंह यादव ने पीएम से इस पोस्टिंग के लिए सिफारिश की है। इसके बावजूद अपने आदेश में कमेटी ने अजय यादव की प्र‍तिनियुक्ति को एक ‘स्पेशल केस’ बताते हुए अनुमति दी।  

 

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