मुख्य सूचना आयुक्त राधा कृष्ण माथुर के अनुसार पीएमओ को भेजे ज्ञापन में जिक्र किए गए विभिन्न ब्यौरों में लाल ने शीर्ष कार्यालय से यह कहा था कि ‘चुनाव के समय, घोषणा किया गया था कि काला धन वापस भारत लाया जाएगा और हर गरीब के खाते में 15 लाख रूपए जमा किए जाएगें। शिकायकर्ता जानना चाहता है कि उसका क्या हुआ।’
लाल की याचिका का जिक्र करते हुए माथुर ने कहा, ‘शिकायकर्ता माननीय प्रधानमंत्री से जवाब चाहता है कि चुनाव के दौरान घोषणा की गई थी कि देश से भ्रष्टाचार को हटाया जाएगा लेकिन यह ‘90 प्रतिशत तक बढ़ गया है’ और वह जानना चाहता है कि देश से भ्रष्टाचार को हटाने के लिए नया कानून कब बनाया जाएगा।’
लाल ने अपनी याचिका में यह भी जिक्र किया है कि सरकार द्वारा घोषित योजनाओं का लाभ सिर्फ धनी एवं पूंजीपति तक ही सीमित है और यह गरीबों के लिए नहीं है। लाल ने यह सवाल भी किया है कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में वरिष्ठ नागरिकों को रेल यात्रा में टिकटों पर दी गयी 40 प्रतिशत रियायत क्या इस सरकार द्वारा वापस ली जा रही है।
माथुर ने कहा कि पीएमओ के सीपीआईओ का जवाब रिकार्ड में नहीं है। सुनवाई के दौरान मौजूद पीएमओ के अधिकारी ने कहा कि उन्हें लाल की याचिका नहीं मिली है और इसलिए वे इसका जवाब नहीं दे सके। माथुर ने अपने आदेश में कहा, ‘प्रतिवादी को इस आदेश के 15 दिनों के अंदर शिकायतकर्ता को उसके आरटीआई आवेदन पर जवाब भेजने का निर्देश दिया जाता है।’ भाषा एजेंसी