जाहिर है कि यह कदम फेसबुक ने खुद तो उठाया नहीं होगा। स्पैम की रिपोर्ट होने पर इस तरह की कार्रवाई फेसबुक करता है। यानी संबंधित दलों से जुड़े लोगों ने शिकायत कर इन खबरों को हटवाया। भाजपा ने नोटबंदी के बीच यूपी चुनाव के लिए 1650 बाइकें खरीदी हैं। यह खबर प्रिंट मीडिया में प्रकाशित हो चुकी है। इसी खबर को आउटलुक ने जब अपने फेसबुक पेज में शेयर किया तो उसे वहां से हटा दिया गया। दूसरी खबर बाबा रामदेव से संबंधित थी। बाबा रामदेव की पतंजलि पर भ्रामक विज्ञापन के मामले पर 11 लाख का जुर्माना लगाया गया है। इस खबर को भी फेसबुक पेज से हटा दिया गया।
यह दोनों खबरें काफी कम समय में आउटलुक के पाठक फेसबुक में शेयर भी कर रहे थे। भाजपा संबंधी खबर को तो एक घंटे में 816 लोगों ने शेयर कर दिया था। जब कोई राजनीतिक दल के सूचना तकनीक विशेषज्ञ किसी खबर और उसकी सामग्री को लेकर फेसबुक से शिकायत करते हैं तो फेसबुक बिना पूछताछ के उस खबर को अनुशासन के दायरे में लाकर हटा देता है।
एडमिन ने जब इन खबरों काे आउटलुक फेसबुक पेज के जरिये अपने टाइमलाइन पर शेयर किया तो एडमिन का एकांउट ही ब्लाक कर दिया गया। फेसबुक ने एडमिन की पहचान मांगी। हालांकि अब इन खबरों को हेडिंग में बदलाव के साथ दोबारा प्रकाशित किया गया, जो फेसबुक पेज पर यथावत बनी हुई है।