हालांकि रिकॉर्ड्स के अनुसार किशोर वर्तमान में इस कंपनी से जुड़े हुए नहीं हैं। पीएम मोदी को जिताने के बाद पिछले साल प्रशांत किशोर ने इंडियन पॉलीटिकल एक्शन कमिटी के साथ बिहार में नीतीश कुमार के लिए काम किया। वहीं अभी वे उत्तर प्रदेश और पंजाब में कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं। अंग्रेजी मीडिया के अनुसार नासिक स्थित सेंट्रल एक्साइज इंटेलीजेंस के डीजी ने यह नोटिस जारी किया है। टैक्स विभाग ने कंपनी से पिछले चार साल की कमाई और कमाई के स्रोत की जानकारी देने को कहा है। उल्लेखनीय है कि कंपनी सीएजी का गठन 2013 में हुआ था। मीडिया के अनुसार यह नोटिस 26 अप्रैल को जारी किया गया और कंपनी के अहमदाबाद स्थित दफ्तर में भेजा गया। विभाग की तरफ से कंपनी के अधिकारियों को पेश होने के लिए कहा गया। अधिकारियों ने बताया कि फाइनेंस एक्ट 1994 के तहत कंपनी के खिलाफ जांच हो रही है। इसके अंतर्गत वार्षिक लेखाजोखा, बिल, खर्च का बहीखाता, बैंक स्टेटमेंट और पेमेंट स्लिप मांगी गई हैं। यह दस्तावेज मुहैया न कराए जाने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 174 और 175 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
प्रशांत किशोर की कंपनी को आयकर नोटिस
चुनाव प्रबंधन कंपनी आईपैक चलाने वाले प्रशांत किशोर की कंपनी को आयकर विभाग ने नोटिस जारी किया है। 2014 में एसोसिएशन ऑफ सिटीजंस फॉर अकाउंटेबल गवर्नेंस नामक कंपनी के प्रमुख प्रशांत किशोर थे।
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