सुप्रीम कोर्ट ने 7 जुलाई को देशभर में आईआईटी जेईई में दाखिले के लिए होने वाली काउंसिलिंग पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस एएम खानविलकर की बेंच ने देशभर के हाई कोर्ट से कहा था कि वह इस मामले में दाखिल कोई भी याचिका पर विचार नहीं करेंगे।
दरअसल, इस मामले में शीर्ष कोर्ट ने देशभर के हाई कोर्ट में आईआईटी-जेईई 2017 एग्जाम को चुनौती देने वाली याचिका की विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा था। साथ ही, टेस्ट में जिन स्टूडेंट्स को ग्रेस नंबर दिए गए हैं उनका भी ब्यौरा मांगा था। इस मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 10 जुलाई की तारीख तय की थी, जिसके बाद आज सुप्रीम कोर्ट के सामने तमाम ब्यौरा पेश किया गया था और सुनवाई के बाद याचिका खारिज कर दी गई।
गौरतलब है कि गलत सवाल के बदले स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स दिए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिस मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने काउंसिलिंग व दाखिले पर रोक लगा दी थी। पिछली सुनवाई के दौरान 30 जून को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और आईआईटी मद्रास से पूछा था कि आईआईटी-जेईई पेपर में उन स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स क्यों दिए, जिन्होंने गलत छपे हुए प्रश्नों को हल करने का प्रयास भी नहीं किया।