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सिब्‍बल ने राम के जन्म की तुलना तीन तलाक से की, दोनों को बताया आस्‍था का विषय

तीन तलाक के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में वकील कपिल सिब्‍बल ने सवाल किया है कि 1400 साल से जारी तीन तलाक की प्रथा असंवैधानिक कैसे हो सकती है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से वकील सिब्बल ने कहा कि तीन तलाक पिछले 1400 साल से जारी है। अगर राम का अयोध्या में जन्म होना आस्था का विषय हो सकता है तो तीन तलाक का मुद्दा क्यों नहीं आस्‍था का विषय हो सकता।
सिब्‍बल ने राम के जन्म की तुलना तीन तलाक से की, दोनों को बताया आस्‍था का विषय

कपिल सिब्बल ने कहा कि इस्लाम धर्म ने महिलाओं को काफी पहले ही अधिकार दिये हुए हैं। परिवार और पर्सनल लॉ संविधान के तहत हैं, यह व्यक्तिगत आस्था का विषय है।

इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह समय की कमी के कारण सिर्फ तीन तलाक के मुद्दे पर ही सुनवाई करेगी। हालांकि कोर्ट ने कहा कि बहुविवाह और निकाह हलाला के मुद्दे पर भी सुनवाई का रास्ता भविष्य के लिए खुला है। केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि अगर शीर्ष अदालत तीन तलाक सहित तलाक की सभी विधियों को निरस्तर कर देती है तो मुस्लिम समाज में शादी और तलाक के नियमन के लिए नया कानून लाया जाया जाएगा। 

केंद्र ने यह भी आग्रह किया कि बहुविवाह और निकाह हलाला के मुद्दों को मौजूदा सुनवाई से अलग नहीं किया जाना चाहिए। इस पर सर्वोच्च अदालत ने भरोसा दिया कि ये सभी पहलू अपनी जगह मौजूद हैं और इन पर बाद में गौर किया जाएगा।

सुनवाई के दौरान मुकुल रोहतगी ने कहा कि अगर सऊदी अरब, ईरान, इराक, लीबिया, मिस्र और सूडान जैसे देश तीन तलाक जैसे कानून को खत्म कर चुके हैं, तो हम क्यों नहीं कर सकते। रोहतगी ने पीठ से कहा, अगर अदालत तुरंत तलाक के तरीके को निरस्त कर देती है तो हम लोगों को अलग-थलग नहीं छोड़ देंगे। हम मुस्लिम समुदाय के बीच शादी और तलाक के नियमन के लिए एक कानून लाएंगे।

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