सिमी आतंकियों के फरार होने और एनकाउंटर की घटना के बाद से भाेपाल की सेंट्रल जेल चर्चा के केंद्र में है। यहां के 50 फीसदी सुरक्षा प्रहरी निजी सेवा में लगाए गए हैं। बता दें कि दिवाली की रात सिमी के आठ आतंकी दीवार फांदकर यहां से फरार हो गए। फिर भोपाल से बाहर इन सभी का एनकाउंटर कर दिया गया। जेल से बाहर आतंकियों के पास दो बैग देखे जाने की बात भी सामने आ रही है।
जेल से बाहर तैनात 80 प्रहरियों में से 20 जेल मुख्यालय, 10 प्रमुख सचिव जेल, 4 जेल मंत्री, 4 पूर्व जेल मंत्री और 4 की तैनाती जेल अधीक्षक के घर थी, जबकि इन्हें जेल में ड्यूटी करनी चाहिए थी।
अगर ये लोग जेल में ड्यूटी कर रहे होते तो शायद इतनी बड़ी घटना नहीं होती। विपक्ष ने इस घटना के लिए मध्य प्रदेश सरकार और जेल प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार करार दिया है। वहीं भोपाल एनकाउंटर में सीआईडी पहले से ही इस पूरे मामले की जांच कर रही है, लेकिन अब सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश भी दे दिए हैं। जेल ब्रेक और एनकाउंटर की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज एस के पांडे करेंगे।
एनकाउंटर के बाद लगातार सामने आ रहे वीडियो के बाद अब ताजा ऑडियो टेप सामने आय़ा है। इसमें वो बातचीत है जो एनकाउंटर के दौरान पुलिस वालों के बीच वायरलेस सेट से हुई थी।
इस बातचीत से साफ है कि एनकाउंटर पूर्व नियोजित नहीं था। आतंकियों को बाकायदा घेरा गया और फिर उन पर फायरिंग हुई। इस बीच आतंकियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनाने वाले डॉक्टर का कहना है कि आतंकियों को 25 से 30 गोलियां लगी थीं।