गौ रक्षा के नाम पर आए दिन मारपीट करना और शोर हंगामे पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नोटिस जारी कर संबंधित राज्यों से तीन हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है। समाचार एजेंसी के अनुसार, कोर्ट ने गौरक्षा के नाम पर की जा रही प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार से जानकारी देने को कहा है।
गौरतलब है कि राजस्थान के अलवर में एक मुस्लिम व्यक्ति को गौ तस्करी के नाम पर पीट-पीटकर मार डाला था। इस घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इन राज्यों को नोटिस जारी किया। बाद में पता चला कि मुस्लिम व्यक्ति गाय खरीदने जा रहा था न कि गौ की तस्करी कर रहा था। व्यक्ति ने गाय खरीद के दस्तावेज भी हमलावरों को दिखाए थे। इसके बावजूद उन्होंने बड़ी बेरहमी से मारपीट की। नतीजन अलवर के जिला अस्पताल में व्यक्ति की मौत हो गई।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में यह तीसरी सुनवाई है। इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट इस मसले पर दो बार सुनवाई कर चुका था और राज्यों से जवाब मांगा था। लेकिन राज्यों की तरफ से कोई जवाब न मिलने पर हारकर अदालत को अपनी तीसरी सुनवाई में इन राज्यों को नोटिस जारी करना पड़ा।
दरअसल इन सभी राज्यों में गायों की रक्षा के लिए बने गौ-रक्षकों के दल को लाईसेंस जारी किया जाता है जिसका इस्तेमाल कर कुछ लोग गुंडागर्दी में लिप्त पाए गए हैं। इस बारे में खुद पीएम मोदी ने भी चिंता जाहिर करते हुए ऐसे असामाजिक तत्वों को चेतावनी दी थी।
सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर एक जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमें याचिकाकर्ता ने अलवर की घटना का जिक्र किया था।
हालांकि, कोर्ट ने अपना आदेश जारी करते हुए अलवर की घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की। इस मसले पर अगली सुनवाई 3 मई को होगी।