अपनी नयी किताब ऐन एरिया ऑफ डार्कनेस: द ब्रिटिश अंपायर इन इंडिया में ब्रिटिश शाही साम्राज्य के खिलाफ मजबूत दलीलें पेश करने वाले थरूर ने कहा कि यूरोप का यह देश मुख्य रूप से भारत को गरीबी के गर्त में धकेल कर समृद्ध बना।
उन्होंने पिछले हफ्ते यहां के ताजमहल होटल में अपनी किताब के विमोचन के मौके पर कहा, 200 सालों तक ब्रिटेन के उदय का वित्तपोषण भारत में उसकी लूटमार से हुआ। और निश्चित रूप से हम पूरी 19 वीं सदी में ब्रिटेन के लिए सबसे दुधारू गाय थे। हमने अपने दमन की कीमत चुकायी।
थरूर ने कहा, ब्रिटेन ब्रिटिश राज और औपनिवेशिक काल के अन्यायों को ऐतिहासिक रूप से जानबूझकर भूल गया है। ब्रिटिश स्कूलों के बच्चों को उपनिवेशवाद की सच्चाइयों के बारे में पढ़ाने की कोई कोशिश नहीं की गयी है।
उन्होंने कहा कि आखिरकार लंदन की सुंदरता का निर्माण उपनिवेशों से जमा किए गए संसाधनों से हुआ। 333 पृष्ठों की किताब अलेफ बुक कंपनी ने प्रकाशित की है जो पिछले साल ऑक्सफोर्ड में दिए गए थरूर के भाषण का नतीजा है जिसमें उन्होंने ब्रिटेन के औपनिवेशिक अपराधों की क्षतिपूर्ति मांगी थी। भाषा एजेंसी